कलेक्टर किशोर कन्याल ड्राइवर्स एसोसिएशन के सदस्यों से कह रहे थे कि कोई कानून अपने हाथ में नहीं लेगा। इसी बीच एक ड्राइवर ने उनकी बात पर रोकटोंक की, तभी कलेक्टर भड़क गए और उन्होंने उससे कहा कि क्या करोगे तुम, औकात क्या है तुम्हारी? हालांकि बाद में कलेक्टर ने इस बात पर माफ़ी भी मांगी थी. लेकिन तब तक शायद देर हो चुकी थी.
Driver’s Strike in MP: मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के कलेक्टर किशोर कन्याल को राज्य सरकार ने हटा दिया है. उनकी जगह नरसिंहपुर कलेक्टर ऋजु बाफना को शाजापुर का नया कलेक्टर बनाया गया है. बस ड्राइवर्स की हड़ताल के दौरान से ही कलेक्टर किशोर कन्याल चर्चा में आए. हड़ताल के दौरान 2 जनवरी को एक बैठक में कन्याल और ड्राइवर्स के बीच गहमा-गहमी हो गई थी. उन्होंने ड्राइवर से कहा था कि समझ क्या रखा है? क्या करोगे तुम, तुम्हारी औकात क्या है?
3 जनवरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किशोर कन्याल को हटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मनुष्यता के नाते ऐसी भाषा हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। मैं खुद मजदूर परिवार का बेटा हूं. अधिकारी भाषा और व्यवहार का ध्यान रखें। जो अधिकारी ऐसी भाषा बोलते हैं, उन्हें मैदान में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
जानें पूरा घटनाक्रम
दरअसल कलेक्टर किशोर कन्याल ड्राइवर्स एसोसिएशन के सदस्यों से कह रहे थे कि कोई कानून अपने हाथ में नहीं लेगा। इसी बीच एक ड्राइवर कलेक्टर से कहा कि आप अच्छे से बात करो. यह सुनकर कलेक्टर कन्याल भड़क गए और उन्होंने कहा कि गलत क्या है? क्या समझ रखा है? क्या करोगे तुम, औकात क्या है तुम्हारी? इसके बाद ड्राइवर ने कहा कि यही तो हमारी लड़ाई है कि हमारी कोई औकात नहीं है.
इसके बाद कलेक्टर ने कहा लड़ाई ऐसे नहीं होती है. कृपया कोई भी कानून अपने हाथ में न लें. आपकी सारी बातों को सुनने के लिए ही यहां बुलाया गया है. कलेक्टर के नाराजगी जताने पर ड्राइवर ने माफ़ी मांग ली थी.
किशोर कन्याल ने अपनी सफाई में क्या कहा?
कलेक्टर किशोर कन्याल ने अपनी सफाई में कहा कि मेरा उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था. जिले में किसी को कानून व्यवस्था नहीं तोड़ने दिया जाएगा। आम जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बाद में कन्याल ने माफ़ी मांग ली.
नौ महीने ही टिक पाए कन्याल
किशोर कन्याल राज्य प्रशासनिक सेवा से नौकरी में आए हैं. उनको 2013 में आईएएस अवार्ड मिला। अप्रैल साल 2023 में उनको शाजापुर कलेक्टर बनाया गया था. मात्र नौ महीने बाद ही सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया।