सर्दी खांसी जुकाम की दवा बनी जहर, एमपी में किडनी फेल होने से 9 बच्चों की मौत, लगाई गई रोक

छिदवाड़ां। सर्दी खांसी जुकाम को ठीक करने के लिए जिस नेक्सट्रो-डीएस और कोल्ड्रिफ कफ सिरप का बच्चे उपयोग कर रहे थे, वो दवा उनके लिए मौत बन गई। यह मामला एमपी के छिंदवाड़ा जिले से सामने आ रहा हैं। लगातर बच्चो की मौत होने से शासन-प्रशासन में खलबली मच गई है। जानकारी के तहत 20 दिनों के अंतराल में छिंदवाड़ा के 9 बच्चो की मौत का मामला सामने आने के बाद पता चला कि बच्चो की सर्दी-खांसी को ठीक करने के लिए दूषित कप सिरप दी जा रही थी। बीमार बच्चो का ज्यादातर ईलाज नागपुर में चल रहा था और दवा से उनक किडनी फेल हो जाने के कारण बच्चो की जान नही बचाई जा सकी।

कलेक्टर सिरप को जिले में किया प्रतिबंधित

कलेक्टर शीलेंद्र सिंह के अनुसार आरंभिक जांच रिपोर्ट में दूषित कप सीरप से बच्चों की किडनियां फेल होने से मौतें हुई हैं। संबंधित कप सिरप को जिले में प्रतिबंधित कर दिया गया है। मामले में आगे जांच जारी है। बताया जा रहा है कि बच्चो का सेम्पल जांच के लिए पूणे भेजा गया है। प्रशासन जांच रिर्पोट आने का इंतजार कर रहा है।

तमिलनाडुक की कंपनी ने बनाए थे सिरप

जो जानकारी आ रही है उसके तहत छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की किडनी फेल होने से मौत की वजह बनी उक्त कफ सिरप तमिलनाडु की किसी फार्मा कंपनी से बनकर आए थे। यही वजह है कि छिंदवाड़ा और भोपाल में नेक्सट्रो-डीएस और कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है, हालांकि, सवाल उठाए जा रहे है कि बच्चो के लिए कफ सिरप मौत का कारण बनी है तो ऐसी सिरप पर पूर्णतः पाबंदी क्यों नही लगाई जा रही है और इसके जिम्मेदारों पर शासन-प्रशासन कब एक्शन लेगा।

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