MP: प्रदेश में दूध उत्पादन में शीर्ष स्थान का लक्ष्य, सभी कॉलेजों में शुरू होगी वेटरनरी शिक्षा: सीएम डॉ. मोहन

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MP National Workshop: मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में 70 से अधिक विश्वविद्यालय हैं। हमने सभी विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर का नाम बदलकर कुलगुरु कर दिया है। इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्यता मिल रही है, जो गर्व की बात है। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने भी इस पहल का अनुसरण करते हुए वाइस चांसलर का नाम कुलगुरु कर दिया है।

MP National Workshop: मध्य प्रदेश देश में दूध उत्पादन में तीसरे स्थान पर है और अब इसे पहले स्थान पर लाने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश में 6 करोड़ से अधिक पशुधन है, जिसके लिए अधिक वेटरनरी विशेषज्ञों की आवश्यकता है। यह जरूरत केवल एक कॉलेज से पूरी नहीं हो सकती। इसलिए, सभी कॉलेजों में वेटरनरी से जुड़ी शिक्षा शुरू की जाएगी।

यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कही। वे बुधवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में ‘विकसित भारत@2047 अंतर्गत रोजगार आधारित शिक्षा: रुझान एवं नए अवसर’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी उपस्थित थे।

हमारी पहल को राष्ट्रीय स्वीकार्यता, गर्व का विषय

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में 70 से अधिक विश्वविद्यालय हैं। हमने सभी विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर का नाम बदलकर कुलगुरु कर दिया है। इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्यता मिल रही है, जो गर्व की बात है। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने भी इस पहल का अनुसरण करते हुए वाइस चांसलर का नाम कुलगुरु कर दिया है।

रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बदलती दुनिया में शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं, बल्कि रोजगार और आत्मनिर्भरता का आधार है। कार्यशाला में शैक्षणिक संस्थानों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने और युवाओं को नए अवसरों के लिए तैयार करने पर बल दिया गया।

मुख्य वक्ता डॉ. एसी पांडे (निदेशक, आईयूएसी, नई दिल्ली) ने तकनीकी नवाचारों और रोजगार के नए आयामों पर विचार साझा किए। कार्यशाला में इंजीनियरिंग, जीवन विज्ञान, कौशल विकास और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों पर तकनीकी सत्रों में भविष्य के अवसरों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, प्राचार्य, शिक्षाविद और विषय-विशेषज्ञ शामिल थे।

कार्यशाला में चार तकनीकी सत्र प्रथम सत्र

अभियांत्रिकी और तकनीकी विषय
द्वितीय सत्र: प्राकृतिक और जीवन विज्ञान
तृतीय सत्र: कौशल विकास और रोजगार अवसर
चतुर्थ सत्र: सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन

कार्यक्रम का सीधा प्रसारण

कार्यशाला का सीधा प्रसारण दूरदर्शन, फेसबुक लाइव, ट्विटर और यूट्यूब पर किया गया। राज्य सरकार ने निर्देश दिए कि सभी सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी महाविद्यालयों में इसका प्रसारण दिखाया जाए। सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को इस आयोजन में वर्चुअल रूप से शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया।

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