Cloud burst In Manali: हिमाचल प्रदेश के मनाली में आधी रात बादल फटने से अंजनी महादेव नदी और नाले में बाढ़ आ गई। बाढ़ आने से आस पास के इलाकों में अफरा – तफरी मच गयी. नदी के तीव्र वेग से लोग भयभीत हो गए।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के मनाली के समीप बादल फटने से भारी तबाही हुई है.आधी रात बादल फटने से अंजनी महादेव नदी और नाले में बाढ़ आ गई। इससे मनाली-लेह हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप है. फिलहाल मौके पर राहत बचाव का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. अभी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। लेकिन NDRF की टीम तलाशी अभियान कर रही है. मौके से मलबे को हटाया जा रहा है.
नदी के बढ़ते जलस्तर से को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों को और अधिक सावधान रहने को कहा है. बाढ़ आने से रुआड व कुलंग गांव में अफरा तफरी मच गई। लोगों ने घर से भाग कर अपनी जान बचाई।
भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार आज से 31 जुलाई तक राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है.वहीं, बीती रात को कई भागों में भारी बारिश हुई है। पालमपुर में 68.0, धौलाकुआं 44.0, नयनादेवी 42.6, धर्मशाला 35.4, बीबीएमबी 27.0, डलहौजी 25.0, शिमला 24.8 और चंबा में 22.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
भूस्खलन से यातायात ठप
शिमला – चक्कन -मनाली सड़क पर प्रिंटिंग प्रेस के पास भूस्खलन ने यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. मार्ग में अवरोध होने से फिलहाल लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.इसके चलते हाईवे बहाल नहीं होने तक वाहनों को तवी मोड़ से बालूंगज होकर भेजा गया। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने करीब 9:30 बजे हाईवे को बहाल किया।
कैसे फटता है बादल
बादलों को अपने मार्ग में गर्म हवाएं और पर्वत पसंद नहीं है. रास्ते में कोई बाधा आ जाती है तो ये फट जाते है. हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति बादल फटने की घटना को बढ़ा रही है. हिमाचल में ऊंचे -ऊंचे पहाड़ और गर्म हवाएं इसके लिए जिम्मेदार है. हिमाचल में मानसून के समय आर्द्रता के साथ बादल उत्तर की और बढ़ते है जिससे हिमालय एक बड़ा अवरोध होता है. जब कोई गर्म हवा का झोंका बादल से टकराता है तो यह फट जाता है.
1 बादलों के रास्ते में अवरोध पहाड़ और गर्म हवा।
2 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए पेड़ों का कटान।
3 बरसात के दौरान गर्म हवा क्षेत्र विशेष में बादल फटने का कारण बनती है।
बादल फटना वर्षा का एक एक्सट्रीम फार्म है। इसे मेघ विस्फोट या मूसलाधार वर्षा भी कहते है. जब बादल भारी मात्रा में जल लेकर चलते है और इनकी राह में कोई बाधा आती है तो ये फट पड़ते है. बादल फटने की प्रक्रिया इतनी तीव्र गति से होती है कि लोगों को भागने तक का समय नहीं मिल पता