Sagar News: परिजनों का आरोप है कि एक साल पहले खुरई के रीठौर मिशन अस्पताल में महिला की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी. इस दौरान डॉक्टरों ने उसके पेट में कपड़ा छोड़ दिया था. जिसके बाद से उसे पेट में दर्द शुरू हो गया. 11 महीने तक दर्द सहने के बाद महिला ने शनिवार, 8 सितंबर को दम तोड़ दिया।
MP Sagar News: सागर में डॉक्टरों की लापरहवाही की वजह से एक महिला की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि एक साल पहले खुरई के रीठौर मिशन अस्पताल में महिला की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी. इस दौरान डॉक्टरों ने उसके पेट में कपड़ा छोड़ दिया था. जिसके बाद से उसे पेट में दर्द शुरू हो गया. 11 महीने तक दर्द सहने के बाद महिला ने शनिवार, 8 सितंबर को दम तोड़ दिया। शनिवार की रात परिजन महिला का शव लेकर खुरई पहुंचे।
यहां नेशनल हाइवे स्थित रीठौर मिशन अस्पताल के सामने चक्काजाम कर दिया। उनकी मांग थी कि डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और बच्ची के भरण-पोषण के लिए आर्थिक मदद मिले। देहात थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव, मौके पर पहुंचे। पुलिस के आश्वासन के बाद प्रदर्शन बंद हुआ. मामले पर खुरई देहात थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि मर्ग कायम कर लिया गया है. शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पीएम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच की जा रही है.
ऑपरेशन के दसवें दिन मौत
23 अगस्त को मृतक महिला को सागर के भाग्योदय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार दिन तक इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसके पेट में कपड़ा फंसा हुआ है. जिसे निकालने के लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। 28 अगस्त को ऑपरेशन कराया गया तो महिला के पेट से कपड़ा निकला। 7 सितंबर की शाम को इलाज के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया। बताया गया है कि रीठौर अस्पताल के मैनेजर आशीष वेंजेबीन ने बताया कि महिला की डिलीवरी सितंबर 2023 में हुई थी. पांच दिन तक वह भर्ती रही, इसके बाद उसे छुट्टी दे दी गई थी. सागर की जिस निजी अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ है, वहां के डॉक्टर ने बताया कि मरीज के बड़ी आंत में कपड़ा पाया गया है.