सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) बी.आर. गवई (B.R. Gawai)ने खजुराहो के वामन मंदिर में टूटी हुई भगवान विष्णु की मूर्ति को ठीक करने की PIL को खारिज करते हुए भगवान विष्णु का अपमान किया है। याचिकाकर्ता राकेश डालाल ने कहा कि CJI ने बिल्कुल रूड तरीके से बात की, “जाओ, भगवान से ही कुछ करने को कहो” कहकर हिंदू देवता का मजाक उड़ाया। यह बयान सुनकर याचिकाकर्ता को सदमा लगा, और पूरे देश में हिंदू संगठनों में गुस्सा भड़क गया। लोग पूछ रहे हैं कि क्या CJI मुसलमान, बौद्ध या ईसाई के भगवान के बारे में ऐसे ही रूडली बात कर सकते हैं? यह घटना हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है, और सोशल मीडिया पर #CJI_Insult_LordVishnu ट्रेंड कर रहा है।
CJI का बयान: भगवान विष्णु से कहो खुद कुछ करो
खजुराहो के वामन मंदिर में 7 फुट ऊंची भगवान विष्णु की मूर्ति मुगल आक्रमणों में टूट गई थी। याचिकाकर्ता राकेश डालाल ने PIL दाखिल कर मूर्ति को ठीक करने और पूजा का अधिकार मांगा। सुनवाई के दौरान CJI गवई ने रूड तरीके से कहा, “जाओ, भगवान से ही कुछ करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के भक्त हो, तो जाकर प्रार्थना करो। यह पुरातात्विक स्थल है, ASI की इजाजत चाहिए। सॉरी…” यह बयान सुनकर डालाल को लगा कि CJI ने हिंदू देवता का अपमान किया है। डालाल ने कहा, “CJI ने भगवान विष्णु को तुच्छ बताया, जैसे कोई आम इंसान हो। क्या वे अल्लाह, बुद्ध या जीसस के बारे में ऐसे ही बोल सकते हैं?” कोर्ट ने मूर्ति को वैसे ही रखने का फैसला किया, और पूजा के लिए दूसरे मंदिर जाने को कहा।
क्या CJI मुसलमान या ईसाई देवताओं के बारे में ऐसे ही कहेंगे?
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। हिंदू संगठनों ने CJI की आलोचना की, कहा कि यह हिंदू भावनाओं का अपमान (Insult to Hindu Sentiments) है। एक यूजर ने लिखा, “CJI ने भगवान विष्णु को रूडली ताने मारे, क्या वे कुरान या बाइबल के देवताओं के बारे में ऐसे बोलेंगे?” RSS ने कहा, “यह हिंदू धर्म का अपमान है, सरकार को जांच करानी चाहिए।” विपक्षी नेता भी भड़के, कहा कि CJI का बयान धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाता है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर CJI मुसलमान, बौद्ध या ईसाई के भगवान के बारे में ऐसे ही रूडली बात करेंगे, तो क्या होगा? डालाल ने जंतर-मंतर पर धरना दिया और गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा।
CJI का बयान और कोर्ट का फैसला: पुरातात्विक स्थल पर ASI की इजाजत जरूरी
CJI गवई ने सुनवाई में कहा कि वामन मंदिर पुरातात्विक स्थल है, और ASI की इजाजत के बिना मूर्ति ठीक नहीं की जा सकती। उन्होंने याचिकाकर्ता को भगवान से प्रार्थना करने की सलाह दी, जो रूड लगी। कोर्ट ने PIL खारिज कर दी, कहा कि पूजा के लिए दूसरे मंदिर जाएं। डालाल ने कहा, “यह फैसला हिंदू अधिकारों का हनन है।” खजुराहो के वामन मंदिर की मूर्ति सभी विष्णु अवतारों को दर्शाती है, और इसे ठीक करने की मांग लंबे समय से थी।
