विष्णु के अपमान का बदला: CJI गवई पर वकील ने जूता फेंकने की कोशिश की, सुरक्षाकर्मी ने बचा लिया

CJI Gavai attacked by lawyer: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को एक शर्मनाक घटना घटी, जब एक वकील ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई (BR Gavai) पर जूता फेंकने की कोशिश की। यह कृत्य खजुराहो के वामन मंदिर (Jawari Vaman Temple) में भगवान विष्णु की टूटी मूर्ति को बहाल करने की याचिका पर CJI गवई के 16 सितंबर के बयान को ‘सनातन धर्म का अपमान’ (Insult to Sanatan Dharma) मानकर किया गया, जिसे वकील ने बदला लेने का माध्यम बनाया। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर CJI को बचा लिया, और वकील को हिरासत में ले लिया। CJI गवई ने इसे हल्के में लेते हुए कहा, “इससे परेशान न हों, मैं भी नहीं हूं।

गवई पर हमला करने वाले वकील का नाम

Name of the lawyer who attacked Gavai: यह हादसा 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में खजुराहो (मध्य प्रदेश) के वामन मंदिर में 7 फुट ऊंची भगवान विष्णु की टूटी मूर्ति को बहाल करने की याचिका पर सुनवाई से जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि मूर्ति मुगल आक्रमणों में क्षतिग्रस्त हुई, और अदालत से पूजा अधिकारों की रक्षा व मंदिर की पवित्रता बहाल करने की मांग की। CJI गवई की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा, “भगवान से कहो कि वे खुद कर दें। आप विष्णु के भक्त हैं, तो उनसे प्रार्थना करें।” इस बयान को सोशल मीडिया पर तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जिससे सनातन धर्म समर्थकों में आक्रोश फैल गया। याचिकाकर्ता के वकील संजय नुली ने भी CJI पर झूठे बयान फैलाने से इनकार किया।

चीफ जस्टिस गवई पर हमला

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से 2011 से रजिस्टर्ड वकील राकेश किशोर (Rakesh Kishor) अचानक CJI गवई के डेस्क के पास पहुंचे। उन्होंने अपना जूता उतारकर फेंकने की कोशिश की, जो विष्णु मूर्ति वाले बयान को ‘अपमान’ मानकर बदला लेने का प्रयास था। कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने फौरन वकील को पकड़ लिया और जूता फेंकने से रोक दिया। CJI गवई बाल-बाल बच गए। हिरासत में जाते हुए राकेश किशोर चिल्लाए, “सनातन का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे!” कोर्ट में हड़कंप मच गया, लेकिन सुनवाई जारी रही। CJI गवई ने वकीलों को संबोधित करते हुए कहा, “इससे परेशान न हों, मैं भी नहीं हूं। ये चीजें मुझे प्रभावित नहीं करतीं। बहस जारी रखें।

राकेश किशोर ने बाद में दावा किया कि उनका कृत्य CJI के बयान से उपजी नाराजगी का परिणाम था, जो सनातन धर्म को ठेस पहुंचाने वाला था। वे खुद को ‘सनातन रक्षक’ बताते हुए बोले, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर उल्लंघन माना। वकील पर अब कार्रवाई की उम्मीद है, हालांकि आधिकारिक बयान का इंतजार है.

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