CJI BR Gavai On Constitution : CJI BR Gavai बोले संसद से सर्वोच्च है भारत का संविधान

CJI BR Gavai On Constitution: बुधवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई अपने गृह जनपद अमरावती पहुंचे जहां उनके स्वागत के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। वहां अपने अभिनंदन समारोह में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि भारत का संविधान सर्वोच्च है और लोकतंत्र के तीनों अंग संविधान के तहत काम करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि संसद सर्वोच्च है, लेकिन उनकी राय में संविधान सर्वोच्च है।

लोकतंत्र का सर्वोच्च अंग है संविधान। CJI BR Gavai On Constitution

जस्टिस बीआर गवई ने भारत में हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है, और आप लोगों के मन में भी कभी न कभी यह प्रश्न जरूर आया होगा कि आखिर लोकतंत्र का सर्वोच्च अंग कौन सा है या लोकतन्त्र में सबसे ज्यादा शक्तियां किसके पास होती हैं तो आपको बता दूं कि
की भारत में लोकतंत्र में सबसे सर्वोच्च है भारतीय संविधान “हालांकि कई लोग कहते और मानते हैं कि संसद सर्वोच्च है, लेकिन मेरे हिसाब से भारत का संविधान सर्वोच्च है। लोकतंत्र के तीनों अंग संविधान के तहत काम करते हैं।

संसद को संशोधन का अधिकार है’- सीजेआई बीआई गवई

आपको बता दें कि जस्टिस बीआर गवई ने संविधान के’मूल ढांचे’ के सिद्धांत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एक फैसले को कोटbकरते हुए कहा कि संसद को संविधान में संशोधन का अधिकार है, लेकिन वह संविधान के मूल ढांचे में परिवर्तन नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ आदेश पारित करने मात्र से कोई जज स्वतंत्र नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, “जज को हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा कर्तव्य क्या है? एक न्यायाधीश को यह जानना होगा कि हम नागरिकों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के रक्षक हैं। हमारे पास न केवल शक्ति है, बल्कि हमें कर्तव्य भी दिया गया है।

लोग क्या कहेंगे? सीजेआई ने यह बात किस संदर्भ में कही?

चीफ जस्टिस ने बीआर गवई ने अपने उद्बोधन में कहा कि जज को इस बात से निर्देशित नहीं होना चाहिए कि लोग उनके फैसले के बारे में क्या कहेंगे या क्या महसूस करेंगे। उन्होंने कहा, “हमें स्वतंत्र रूप से सोचना होगा। लोग क्या कहेंगे, यह हमारी निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हो सकता।” अपने संबोधन के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने अपने कुछ फैसलों का हवाला दिया। ‘बुलडोजर न्याय’ के खिलाफ अपने फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आश्रय का अधिकार सर्वोच्च है।

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