CISF in Rajya Sabha : राज्यसभा के वेल में CISF की तैनाती पर खरगे ने याद दिलाया नियम-267, जानिए क्या है ये रूल

CISF in Rajya Sabha Deployment : मंगलवार को राज्यसभा के अंदर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और जेपी नड्डा के बीच नोंकझोंक देखने को मिली। इस कहासुनी की वजह थी राज्यसभा के अंदर सीआईएसएफ की तैनाती। विपक्षी सांसदों ने इसको लेकर कड़ी आपत्ति जताई। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदस्य नियम-267 का हवाला देकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। अब सवाल ये है कि आखिर राज्यसभा के वेल में सीआईएसएफ क्यों लगाई गई और नियम 267 क्या कहता है?

राज्यसभा के वेल में क्यों आई CISF?

जानकारी के अनुसार, राज्यसभा के वेल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को तैनात किया गया है। हालाँकि, यह साफ तौर पर नहीं बताया गया है कि ऐसा क्यों किया गया। राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन के अंदर सीआईएसएफ तैनात करने का मुद्दा उठा दिया। उन्होंने कहा कि सदन के बाहर विपक्षी नेता शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट कर सकते हैं। इस बात को बल देने के लिए खरगे ने पुरानी बात भी याद दिलाई। 

मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा?

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “आखिरी बार जब जेटली जी उच्च सदन में विपक्ष के नेता थे और सुषमा स्वराज लोकसभा में विपक्ष की नेता थीं। उन्होंने क्या कहा था? उन्होंने कहा था कि डिस्टर्ब करना (विरोध करना) भी एक तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करता है और ये कोई बड़ी बात नहीं। लोकतांत्रिक तरीके से ही हम प्रोटेस्ट कर रहे हैं और हम करते रहेंगे। ये हमारा अधिकार है।”

खरगे ने कहा- सरकार सदन की गरिमा गिरा रही

मल्लिकार्जुन खरगे ने इस तैनाती पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह सदन की गरिमा को गिराने जैसा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार संसद के स्तर को कम कर रही है और चेतावनी दी कि भविष्य में CISF के जवानों को सदन में नहीं आना चाहिए, खासकर तब जब सदस्य महत्वपूर्ण मुद्दों को उठा रहे हों।

खरगे ने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में CISF के जवान सदन के वेल में तब नहीं आएंगे जब सदस्य सार्वजनिक चिंता के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे हो।”

नियम-267 क्या है?

नियम-267 राज्यसभा के कार्य संचालन नियमों का हिस्सा है। यह सदस्यों को किसी अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित करने का प्रस्ताव देने की अनुमति देता है। खरगे ने इसी नियम के तहत CISF की तैनाती के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। हालांकि भाजपा सरकार में राज्यसभा की कार्रवाई के दौरान नियम-267 का इस्तेमाल विपक्ष और सभापित व उपसभापति के बीच का मुख्य विवाद का मुद्दा बन चुका है।

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