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इन्हें मिली राम मंदिर सुरक्षा की जिम्मेदारी!

ram mandir-

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अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सौंपी गई है. CISF ने यूपी सरकार को अपनी टॉकविंग की कंसल्टेंसी के जरिए अहम सुझाव दिए हैं, जिसके बाद राम मंदिर की सुरक्षा योजना तैयार हुई है.

सीआईएसएफ को राम मंदिर परिसर का सिक्योरिटी प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी इसलिए दी गई है क्योंकि CISF द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, गोरखनाथ मंदिर, तिरुपति मंदिर की सुरक्षा का अनुभव है. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का यही अनुभव देखकर राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इसी बल को सौंपी गई है. ग्रीन एरिया में बने राम मंदिर परिसर के सिक्योरिटी प्लान में हर तरह की बारीकियों को ध्यान में रखा गया है. खासतौर पर भीड़ और थ्रेट परसेप्शन का आकलन कर CISF ने सुरक्षा से संबंधित सुझाव दिए हैं. सीआईएसएफ को इस काम के लिए इसीलिए चुना गया है क्योंकि इसके पास भारत की प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा का अनुभव है.

सुझाव में इन बातों पर चर्चा हुई-

आपातकालीन सुरक्षा उपाय

सुरक्षा में कितने मैन फ़ोर्स की जरूरत है

एक्सेस कंट्रोल

थ्रेट परसेप्शन और रिस्क एनालिसिस

फायर सेफ्टी, डाक्यूमेंट सेफ्टी

आंतरिक खुफिया जानकारी

क्राउड कंट्रोल मैनेजमेंट प्रोसीजर

स्टाफ फायर सेफ्टी ट्रेनिंग

कई एजेंसियों की मदद से तैयार हुई योजना

राम मंदिर की सुरक्षा में सीआईएसएफ ने स्थानीय पुलिस, ख़ुफ़िया एजेंसी समेत अलग-अलग एजेंसियों से इनपुट लिया। मंदिर के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट किस तरह का होना चाहिए उसके लिए भी पूरी तैयारी की जा चुकी है. यूपी सरकार को मंदिर परिसर की सुरक्षा के संबध में सुझाव दिए गए हैं. राम मंदिर की सुरक्षा के लिए CISF ने खास सुरक्षा ग्रिल लगाने का सुझाव भी दिया है. जिसे सिर्फ मंदिर के लिए ही बनाया जाएगा।

मंदिर के नक़्शे के मुताबिक ही वहां सुरक्षा बलों की तैनाती का सुझाव दिया गया है और उन पर निगरानी रखने के लिए भी एक खास टीम बनाने की सिफारिश CISF की ओर से की गई है. राम मंदिर सुरक्षा प्लान के लिए सुझाव देते वक्त टीम ने इस बात का खास ध्यान रखा है कि परिसर की सुरक्षा अपने उच्चतम स्तर पर हो. साथ ही फायर सेफ्टी, अटेंडेंस और प्रशासनिक पहलू भी पूरी तरह से बेहतर हों.

CISF की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की स्थापना का मुख्य उद्देश्य देश के बुनियादी ढांचों, विशेष स्मारकों की सुरक्षा करने के लिए हुई है. सीआईएसएफ में अपने सुझावों में मंदिर परिसर में तैनात होने वाले सुरक्षा बलों को समय-समय पर बदली परिस्थितियों के मुताबिक ट्रेनिंग देने के पहलू को भी शामिल किया गया है. पिछले चार सालों में ( 2019 से लेकर 2023 तक ) सीआईएसएफ देशभर की 36 संस्थानों को सिक्योरिटी प्लान से संबंधित सुझाव दे चुका है. इसके अलावा 23 सालों में सीआईएसएफ ने 226 संस्थाओं को सिक्योरिटी प्लान से संबंधित सुझाव दिए हैं.

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