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MP: एक बार फिर सहमा भोपाल! याद आई 1984 की त्रासदी जानें ऐसा क्यों हुआ

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भोपाल गोविंदपुरा क्लोरीन लीक न्यूज़

Gas Leak In Bhopal’s Govindpura Industrial Area: भोपाल के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में क्लोरीन गैस रिसाव हुआ। इससे स्थानीय लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हुई। प्रशासन ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।

Bhopal Chlorine Gas Leak News: बुधवार दोपहर भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया (Govindpura Industrial Area) में एक फैक्ट्री में क्लोरीन गैस रिसाव की घटना सामने आई। इस हादसे से आसपास के लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ा। घटना दोपहर 3:30 बजे जेके रोड स्थित गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया की एक फैक्ट्री में हुई, जहां केमिकल स्टोर से क्लोरीन गैस का रिसाव शुरू हो गया। गैस के फैलने से इलाके में हड़कंप मच गया। इस घटना ने एक बार फिर आसपास के लोगों को 1984 में हुए भोपाल गैस कांड की याद दिला दी. लोगों में काफी डर का माहौल पैदा हो गया.

एक घंटे में स्थिति नियंत्रित

Bhopal News: सूचना मिलते ही गोविंदपुरा एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। उनके साथ एसडीईआरएफ, नगर निगम की फायर ब्रिगेड, पुलिस और बिजली कंपनी का अमला भी तैनात हुआ। गैस का रिसाव फैक्ट्री से बाहर तक फैल चुका था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कास्टिक सोडा डालकर गैस को न्यूट्रलाइज किया गया। इस प्रक्रिया में लगभग एक घंटा लगा।

लोगों को हुई सांस लेने में दिक्कत

गैस रिसाव के कारण फैक्ट्री और आसपास के लोगों को आंखों से आंसू आने और सांस लेने में परेशानी होने लगी। एसडीएम श्रीवास्तव सहित सभी कर्मचारियों ने मुंह पर मास्क पहनकर काम किया।

दमकल के पानी से बढ़ी समस्या

जानकारी के मुताबिक, केमिकल स्टोर में पानी भरने के कारण क्लोरीन गैस का रिसाव शुरू हुआ। हालांकि, गैस की मात्रा ज्यादा नहीं थी, लेकिन आग की आशंका के चलते दमकल गाड़ियों ने पानी डाला, जिससे गैस और अधिक फैल गई।

दमकल के पानी से बढ़ी समस्या

जानकारी के मुताबिक, केमिकल स्टोर में पानी भरने के कारण क्लोरीन गैस का रिसाव शुरू हुआ। हालांकि, गैस की मात्रा ज्यादा नहीं थी, लेकिन आग की आशंका के चलते दमकल गाड़ियों ने पानी डाला, जिससे गैस और अधिक फैल गई।

क्लोरीन गैस कितनी जहरीली होती है?

क्लोरीन गैस अत्यंत विषैली होती है और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है, विशेष रूप से साँस लेने या त्वचा के संपर्क में आने पर। कम सांद्रता में यह आँखों में जलन, गले और नाक में खराश पैदा करती है। उच्च सांद्रता में यह गंभीर श्वसन संकट, फेफड़ों में सूजन, फुफ्फुसीय एडिमा और मृत्यु का कारण बन सकती है। लंबे समय तक संपर्क फेफड़ों को स्थायी नुकसान और श्वसन विफलता का कारण बन सकता है। इसके प्रभाव रासायनिक हथियारों जैसे होते हैं, जो इसे अत्यंत खतरनाक बनाता है।

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