Chirag Paswan Seats Demand : चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद बिहार में एनडीए और महागठबंधन अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक दोनों गठबंधनों में सीटों का बंटवारा तय नहीं हो पाया है। एनडीए के भीतर सबसे ज्यादा नजरें लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) यानी लोजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर टिकी हैं। बिहार में खुलेआम सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा नेता कह रहे हैं कि सबकुछ तय हो चुका है, मगर अंदर ही अंदर वे भी बोलने लगे हैं कि चिराग पासवान ने सीटों को लेकर अड़चन डाल दी है, जिनकी मांग ने भाजपा और जेडीयू के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है।
आज चिराग पासवान के एक्स पोस्ट ने भाजपा की नींद उड़ा दी है। इसमें उन्होंने कहा- “पापा हमेशा कहते थे कि जुर्म मत करो, जुर्म सहो भी मत, जीना है तो मरना सीखो।” आईए अब जानते हैं कि चिराग पासवान ने ऐसी कौन सी मांग की है, जो एनडीए के लिए टेंशन बन गई है।
NDA में सीट शेयरिंग को लेकर टेंशन जारी
बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। मतदान 6 अक्टूबर और 11 अक्टूबर को दो चरणों में होंगे। सभी की नजरें बिहार चुनाव के लिए दोनों गठबंधनों में सीट शेयरिंग पर टिकी हैं। अभी तक कई बैठकों के बाद भी सीटों का बंटवारा तय नहीं हो पाया है। 10 अक्टूबर से पहले पहले चरण का नामांकन शुरू होने जा रहा है, लेकिन अभी तक दोनों प्रमुख गठबंधनों में सीटों का मामला उलझा हुआ है। भाजपा बार-बार कह रही है कि सबकुछ तय हो चुका है, बस घोषणा बाकी है। लेकिन, गठबंधन में सीटें लेकर चिराग पासवान ने कहा है कि सही वक्त पर सही जानकारी दी जाएगी। अभी से क्या कहना, गठबंधन में तो अभी बातचीत ही शुरू हुई है। चिराग पासवान ने अपने पोस्ट में लिखा है, “पापा कहते थे, जुर्म मत करो, जुर्म सहो मत, जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो।” इस खामोशी ने एनडीए की चिंता जरूर बढ़ा दी है।
भाजपा से रूठे चिराग ने खोले अपने पत्ते
भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने मंगलवार को चिराग पासवान से मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट कीं और कहा कि बैठक में बिहार चुनाव को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि बिहार की प्रगति के लिए एनडीए सरकार जरूरी है और इसके लिए सभी साथी प्रतिबद्ध हैं। चिराग पासवान ने भी भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और बिहार प्रभारी विनोद तावड़े से दिल्ली में मुलाकात की, लेकिन मीडिया से ज्यादा बात नहीं की। हालांकि, 15 जून को राम विलास पासवान की पुण्यतिथि पर होने वाले कार्यक्रम में पार्टी की रणनीति तय होने की उम्मीद है। इस मौके पर चिराग ने अपने कुछ पत्ते खोल दिए हैं। इसके बाद उन्होंने बिहार चुनाव के लिए चुनाव प्रभारी अरुण भारती और सह चुनाव प्रभारी राजू तिवारी की नियुक्ति की है। ये दोनों नेता ही अब सीटों के तालमेल पर बातचीत करेंगे।
भाजपा की दो सीटें मांग रहे चिराग पासवान
चिराग पासवान एनडीए में कम से कम 43 सीटें चाहते हैं, जिसका आधार 2024 लोकसभा चुनाव और 2015-2020 के प्रदर्शन को माना जा रहा है। लेकिन, भाजपा के नेताओं का कहना है कि चिराग 40 सीटों पर अड़े नहीं हैं। कई दौर की बातचीत के बाद, चिराग अब 25 सीटों पर चुनाव लड़ने को राजी हो गए हैं। कुछ सीटों को लेकर अभी भी मतभेद हैं। चिराग ने गोविंदगंज और लालगंज सीटों पर अपना दावा किया है। इन सीटों पर भाजपा का कहना है कि वे इन्हें नहीं दे सकते। इससे साफ है कि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी भी बातचीत चल रही है। चिराग की जिद के कारण अब यह माना जा रहा है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वह एनडीए से अलग होकर अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं।
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