Bihar Politics: 2020 बिहार विधानसभा चुनाव से शुरू हुई चाचा भतीजे की रस्साकसी में हर दिन एक दूसरे से आगे निकलने की लड़ाई चल रही थी जो फाइनली बुधवार को खत्म होगई। ये लड़ाई पिछले 3 वर्षों से चल रही थी और लड़ाई थी पार्टी की,परिवार की और राजनितिक विरासत की. लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की मृत्यु के बाद परिवार में पार्टी पर हक़ को लेकर लड़ाई थी. स्वर्गीय पासवान जी की मृत्यु के एक साल बाद ही भाई पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) ने भतीजा से बगावत कर ली और पार्टी के 5 सांसदों को तोड़कर पार्टी पर दावा ठोक दिया। चुनाव आयोग ने दोनों को अलग-अलग सिम्बल दे दिया पार्टी अलग होगई।
NDA में वापसी
2020 विधानसभा चुनाव में NDA से अलग होने के बाद और पार्टी में टूट के बाद चिराग ने बिहार में जमकर काम किया। पंचायत और बूथ स्टार तक पार्टी को मजबूती भी प्रदान किया। इसका नतीजा रहा कि BJP ने 2023 में चिराग (Chirag Paswan) पासवान को NDA में शामिल होने का निमंत्रण दिया और वो 6 जुलाई 2023 को NDA में शामिल हुए. NDA की बैठक में पीएम मोदी का चिराग (Chirag Paswan) को गले लगाना मीडिया में चर्चा का विषय बना. अब जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा था वैसे ही सीट बंटवारे को लेकर सुगबुगाहट तेज होती जा रही थी. इसी बीच NDA में सीएम नीतीश (Nitish Kumar ) की भी एंट्री होगई और चिराग पासवान (Chirag Paswan) इससे असहज थे क्योंकि चिराग अपनी राजनीती नीतीश के विरोध में ही चमका रहे थे.
कैसे हुआ सीटों का डील फाइनल
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) में सीटों के मामले में लोजपा चिराग गुट को सस्ते में निपटाने की तैयारी थी. उन्हें 1 या दो सीटों का ही ऑफर था और उसमें हाजीपुर सीट भी नहीं थी और चिराग को ये मंजूर नहीं था. चिराग अपनी सीटिंग सीट 6+1 पर अडिग थे. किसी भी कयामत चिराग पासवान हाजीपुर सीट के साथ समझौता करने के मूड में नहीं थे. कुछ ही दिन पहले जब भाजपा अपने सहयोगी के तालाश में मुकेश सहनी को टटोल रही थी तब चिराग बिहार में शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में थे. एक तरफ जहां दिल्ली में मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) के साथ बैठक चल रही थी उसी दौरान वैशाली के साहेबगंज में चिराग जनसभा को संबोधित कर बिहारियों के साथ गठबंधन की बात कर रहे थे. उन्होंने अपने संबोधन में यहां तक कह दिया था कि किसी भी परस्थिति में झुकने वाला नहीं हूँ. चिराग (Chirag Paswan) का ये इशारा सीधे भाजपा,जदयू और चाचा पारस को था. जनसभा के दो ही दिन बाद भाजपा बिहार की केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक होती है और 13 मार्च के शाम को मंगल पांडेय चिराग पासवान के दिल्ली आवास पर पहुँचते हैं. चिराग अपनी माता जी का आशीर्वाद प्राप्त कर भाजपा अध्यक्ष जेपी (JP Nadda) नड्डा से मुलाक़ात करते हैं और उसके थोड़ी ही देर बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये ये जानकारी साझा करते हैं कि सीट शेयरिंग को लेकर उन्होंने भाजप अध्यक्ष के साथ बैठक कर अंतिम रूप दे दिया है समय आने पर घोषणा कर दी जायेगी। चिराग के इस घोषणा के बाद से ही पार्टी में जश्न का माहौल बन जाता है. ये जश्न सीट शेयरिंग पर बात बनने को लेकर नहीं थी ये जश्न थी चाचा पारस को हाजीपुर सहित अन्य भी सीटों पर क्लीन बोल्ड करने के लिए.