चीनी मीडिया Global Times ने दिया भारत का साथ, Trump को लेकर क्या कहा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा भारत पर 50% टैरिफ (US India Tariff Hike) लगाने की धमकी के बीच चीन की सरकारी मीडिया ने भारत का समर्थन करते हुए वैश्विक कूटनीति (Global Diplomacy) में एक नया मोड़ ला दिया है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times News About India) ने अपने संपादकीय में कहा, “शायद अमेरिका के लिए भारत कभी टेबल पर मेहमान नहीं रहा, बल्कि केवल मेन्यू का हिस्सा रहा है।” यह बयान ट्रंप की भारत विरोधी नीतियों (Anti-India Policies) और रूसी तेल खरीद (Russian Oil Purchase) को लेकर उनकी आलोचना के जवाब में आया है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की प्रस्तावित चीन यात्रा (China Visit) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की भारत यात्रा (India Visit) ने वैश्विक समीकरणों को और जटिल कर दिया है।

चीन का समर्थन और भारत की कूटनीति

China’s Support To India: चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता यू जिंग (Yu Jing) ने नई दिल्ली में चीनी दूतावास के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर द हिंदू अखबार के संपादकीय का हवाला देते हुए भारत की संप्रभु विदेश नीति की सराहना की। संपादकीय में कहा गया, “भारत अपनी व्यापारिक साझेदारी चुनने का हक किसी अन्य देश, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली हो, को नहीं दे सकता।” यह समर्थन ऐसे समय में आया है, जब ट्रंप ने भारत को रूस के साथ व्यापार (India-Russia Trade) के लिए “यूक्रेन युद्ध को वित्तीय मदद” देने का आरोप लगाया। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत ने हाल के वर्षों में भू-राजनीति में संतुलन बनाए रखा है, जिसमें ब्रिक्स (BRICS) और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे मंचों के साथ-साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड (Quad Alliance) में भी सक्रिय भागीदारी शामिल है

ट्रंप की नाराजगी और भारत की स्थिति

Trump’s Tariff Threat To India: ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो पहले से लागू 25% टैरिफ के साथ कुल 50% हो गया। उन्होंने भारत पर रूसी तेल खरीद (Russian Oil) और हथियारों की खरीद (Russian Arms) के जरिए रूस को समर्थन देने का आरोप लगाया। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कहा, “भारत रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन को ईंधन दे रहा है।” जवाब में, भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे “अनुचित और अतार्किक” करार देते हुए कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद (Energy Imports) वैश्विक बाजार की स्थिरता (Global Market Stability) के लिए जरूरी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने जोर देकर कहा, “हमारे द्विपक्षीय संबंध अपनी मेरिट पर आधारित हैं और इन्हें तीसरे देश के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।”

वैश्विक मंच पर भारत की रणनीति

India’s Global Strategy After High Tariff: चीन का यह समर्थन भारत की गैर-संरेखित नीति को रेखांकित करता है, जिसके तहत भारत ने रूस, चीन और अमेरिका के साथ संतुलन बनाए रखा है। ग्लोबल टाइम्स ने चेतावनी दी कि अमेरिका की शीत युद्ध-शैली की नीतियां भारत जैसे तटस्थ देशों को “गलत पक्ष” चुनने के लिए मजबूर कर सकती हैं। ट्रंप की नीतियों ने भारत को एक जटिल स्थिति में डाल दिया है, जहां उसे अपनी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए रूस और चीन के साथ सहयोग बढ़ाना पड़ सकता है। कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा, “ट्रंप का 50% टैरिफ भारत के व्यापार को नष्ट कर सकता है, जबकि चीन को 90 दिन की छूट दी गई है।

मोदी की 28 अगस्त को प्रस्तावित चीन यात्रा, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन समिट (SCO Summit) में हिस्सा लेंगे, भारत-चीन संबंधों (India-China Relations) में नरमी का संकेत देती है। यह यात्रा 2020 के गलवान घाटी संघर्ष (Galwan Valley Clash) के बाद उनकी पहली चीन यात्रा होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की आक्रामक नीतियों (Trump’s Aggressive Policies) ने भारत को रूस और चीन के साथ रणनीतिक गठजोड़ (Strategic Alignment) की ओर प्रेरित किया है। दूसरी ओर, पुतिन की अगस्त 2025 के अंत में भारत यात्रा भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन (India-Russia Summit) का हिस्सा होगी। यह यात्रा भारत-रूस व्यापार (India-Russia Trade) को और मजबूत करेगी, जो 2024 में 60 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है।

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