चीन में बच्चे पैदा करने पर मिलेंगे पैसे!

चीन के सिचुआन में अब बिना शादी के पैरेंट बने लोगों को भी मैटरनिटी लीव और मेडिकल खर्चे मिलेगा।राज्य के इस फैसले के पीछे का कारण चीन की घटती हुई जनसँख्या है. जिसका सीधा असर चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

चीन तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. 1960 के दशक में ऐसा हुआ था कि चीन की जनसँख्या कम हो गयी थी. उसके बाद ऐसा एक बार फिर हो रहा है, जिसको देखते हुए चीन की सरकार,जो अपनी सख्त और रूढ़िवादी नीतियों के लिए जानी जाती है और एक दौर में बच्चे पैदा करने के लिए सख्त रुख अपनाने वाली चीन की सरकार अब देश में जनसँख्या वृद्धि के लिए उपाय तलाश रही है. 2022 में चीन का बर्थ रेट  6.67% था जो 2023 में घटकर 5.7% रह गया.

चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने जनसँख्या नियंत्रण के लिए 1980 से वन चाइल्ड पालिसी लागू की थी और इस पर सख्ती इतनी ज्यादा थी कि इसका पालन न करने पर न सिर्फ सामाजिक बहिष्कार और नौकरी में तरक्की पर रोक लगाई जाती थी बल्कि जुर्माना भी लगाया जाता था.

बाद में साल 2016 में इसे टू चाइल्ड पालिसी कर दिया गया फिर 2021 में इसे थ्री चाइल्ड पॉलिसी कर दिया गया लेकिन इन सब के बावजूद चीन की जनसँख्या घटती जा रही है.

सिचुआन में बच्चा पैदा करने पर कोई रोक नहीं 

सिचुआन चीन के पांच बड़े राज्यों में से एक है. यहाँ की जनसँख्या तेजी से घट रही है जिस वजह से अब यहाँ की सरकार ने फैसला लिया है कि बच्चा पैदा करने पर कोई रोक नहीं होगी।दरअसल चीन में बच्चा पैदा होने पर सरकार पेड मैटरनिटी लीव देने के साथ ही मेडिकल मदद भी मुहैया कराती है. इसके लिए बर्थ रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है. अभी तक ये नियम तीन बच्चों तक सीमित था लेकिन घटती जनसँख्या के चलते अब चीन ने थ्री चाइल्ड पॉलिसी पर रोक लगा दी है.

चीन में अविवाहित माओं की स्थिति ठीक नहीं है. उन्हें हीन भावना से देखा जाता है. उन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिलती और साथ ही उन्हें सामाजिक बहिष्कार भी झेलना पड़ता है लेकिन इस कदम के बाद कई लोग इसकी तारीफ़ कर रहे हैं और इसे महिलाओं के हित में देखा जा रहा है वहीँ एक वर्ग इसका विरोध भी कर रहा है.

क्यों घट रही है चीन की जनसँख्या?

चीन में घटती जनसँख्या का कारण महंगाई है. 18 से 25 साल के लोगों पर किये गए एक सर्वे में लोगों ने बताया कि वो बच्चे नहीं पैदा करना चाहते। 

दरअसल चीन में बच्चा पैदा करने से उनकी परवरिश करने तक, सब में काफी पैसा खर्च होता है. साथ ही में चीन के स्कूलों की सख्त पॉलिसी की वजह से भी लोग बच्चे नहीं पैदा करना चाह रहे हैं. घटती जनसँख्या से परेशान चीनी सरकार ने कैश देना तक शुरु कर दिया है. कॉलेज के छात्रों को स्पर्म डोनेट करने पर 55 हज़ार रूपए तक दिए जा रहे हैं.

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