CJI को रिसीव करने नहीं पहुंचे चीफ सेक्रेटरी-DGP, जाहिर की नाराजगी

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CJI BR Gavai Maharashtra Speech: जस्टिस गवई ने कहा कि राज्य के बड़े अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते, जिससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठते हैं, बल्कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच समन्वय की कमी भी उजागर होती है। उनकी यह टिप्पणी चर्चा का विषय बन गई। यह घटना बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान हुई।

CJI BR Gavai Maharashtra Speech: रविवार को मुंबई में आयोजित एक बार काउंसिल कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने महाराष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों, विशेष रूप से मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) की अनुपस्थिति पर तीखी नाराजगी व्यक्त की। जस्टिस गवई ने कहा कि राज्य के बड़े अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते, जिससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठते हैं, बल्कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच समन्वय की कमी भी उजागर होती है। यह घटना तब सामने आई जब CJI को रिसीव करने के लिए मुख्य सचिव, DGP, और पुलिस आयुक्त जैसे वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे।

देश के पहले बौद्ध CJI हैं जस्टिस गवई

जस्टिस बीआर गवई, जो हाल ही में भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने, मुंबई में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के एक सत्कार समारंभ में शामिल होने गए थे। इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति को विशेष महत्व दिया जा रहा था, क्योंकि वे महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मूल निवासी हैं और देश के पहले बौद्ध CJI हैं। हालांकि, इस महत्वपूर्ण अवसर पर राज्य के शीर्ष अधिकारियों की अनुपस्थिति ने न केवल प्रोटोकॉल के उल्लंघन को दर्शाया, बल्कि CJI के प्रति असम्मान के रूप में भी देखा गया।

इस दौरान जस्टिस गवई ने कहा, “महाराष्ट्र के बड़े अफसर प्रोटोकॉल नहीं मानते। यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति कितने गंभीर हैं।” उनकी यह टिप्पणी चर्चा का विषय बन गई।

भाषण के बीच भावुक हुए CJI

भाषण के दौरान CJI गवई अपने लिए लोगों का सम्मान और प्यार देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैं सभी का बहुत आभारी हूं। मुझे जो प्यार और सम्मान मिला है, उससे मैं अभिभूत हूं। 40 साल से मुझे यह प्यार मिल रहा है। आज का समारोह मेरे लिए अविस्मरणीय है। मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं ढूंढ पा रहा हूं। 14 मई को जब मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली तो महाराष्ट्र ने मुझ पर बहुत प्यार बरसाया।

बार काउंसिल का कार्यक्रम

यह घटना बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान हुई, जिसमें जस्टिस गवई का सत्कार किया गया। इस कार्यक्रम में विधि क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति और वकील शामिल थे। CJI ने इस अवसर पर न केवल प्रोटोकॉल के मुद्दे पर अपनी बात रखी, बल्कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और संवैधानिक मूल्यों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा जस्टिस बेला एम त्रिवेदी को विदाई न देने के फैसले की भी आलोचना की थी, जो एक अन्य विवादास्पद मुद्दा रहा है।

जानें प्रोटोकॉल का महत्व

प्रोटोकॉल का पालन न केवल औपचारिकता है, बल्कि यह संस्थानों के बीच सम्मान और समन्वय का प्रतीक भी है। CJI जैसे संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का स्वागत करना राज्य प्रशासन की जिम्मेदारी होती है। विशेष रूप से, जब CJI अपने गृह राज्य में किसी कार्यक्रम में शामिल हो रहे हों, तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

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