Chhath Puja 2025 Santan Prapti Upay: छठ पूजा केवल एक व्रत नहीं बल्कि आस्था का महापर्व माना जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का प्रतीक है। कहा जाता है की छठी मैया संतान की रक्षक और मातृत्व की अधिष्ठात्री देवी है। वहीं सूर्य भी सृष्टि के संचालक है क्योंकि उन्हीं की ऊर्जा से सृष्टि चल रही है। ऐसे में प्रकृति को समर्पित यह पर्व भारत का महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है।

माता सीता, माता कुंती को मिला सूर्यषष्ठी से सन्तान का वरदान
पुराणों में वर्णित है की माता सीता, माता कुंती यहां तक की द्रोपती ने भी छठ माता की आराधना की थी जिसकी वजह से उन्हें पारिवारिक सुख, समृद्धि प्राप्त हुई थी। यह भी कहा जाता है की छठी मैया का व्रत करने से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख प्राप्त होता है और संतान की आयु लंबी होती है। इसी वजह से आज भी असंख्य महिलाएं संतान सुख और दीर्घायु के प्रार्थना के लिए छठ व्रत करती है। और आज हम आपको इस दिन किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय बताएंगे कि आप भी संतान सुख प्राप्त कर पाए।
छठ पूजा पर संतान सुख के चमत्कारी उपाय
सूर्य को लाल अर्घ्य अर्पित करें : छठ पूजा के तीसरे और चौथे दिन जब सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है उसे समय तांबे के लोटे में गंगाजल भरकर उसमें लाल फूल, लाल चावल थोड़ा सा गुड़ मिलाएं और सूर्य को अर्पित करें। ऐसा करने से संतान प्राप्ति होती है।
संतान मंत्र का जाप: छठ व्रत के दौरान यदि महिलाएं सूर्यास्त या सूर्योदय के समय 108 बार ओम सूर्याय नमः, ओम षष्ठी देवी नमः इस मंत्र का जाप करते हैं तो गर्भ संबंधित सारी बढ़ाएं दूर हो जाती हैं।
कद्दू भारत का प्रसाद चढ़ाएं: छठ व्रत के दौरान खरना के दिन व्रती जब प्रसाद बनाती है तब गाढ़ें दूध से बनी खीर और कद्दू का भात छठी मैया को अर्पित करें और संतान सुख की कामना करें ऐसा करने से मातृत्व ऊर्जा जागृत होती है।
सूर्य अर्घ संकल्प: छठ पूजा के दौरान संध्या और उषा अर्घ्य के दौरान जल में खड़े होकर संकल्प लें कि यदि मेरे घर में संतान आई तो मैं हर वर्ष धूमधाम से छठ व्रत करूंगी।
छठ व्रत के दिन कन्या भोजन: छठ व्रत के पारण के दिन 5 या 7 कन्याओं को सात्विक भोजन खिलाएं और यथासंभव दान दे इससे संतान योग प्रबल होता है।
हर रविवार सूर्य देव की उपासना: छठ व्रत के बाद भी हर रविवार प्रातः काल सूर्य देव को जल अर्पित करें और ओम ह्री सूर्याय नमः इस मंत्र का जाप करें ऐसा करने से संतान प्राप्ति के मार्ग में आने वाली साड़ी बढ़ाएं दूर हो जाती है।
