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एमपी की चेतना झरिया बनी पहली ऐसी मेडिकल स्टूडेंट, उन्होने हिंदी से एमबीबीएस की पढ़ाई, अब मिल रही बधाई

भोपाल। नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर की छात्रा कु. चेतना झरिया ने हिंदी माध्यम से पढ़ाई कर एमबीबीएस प्रथम वर्ष की परीक्षा सफलता पूर्वक उत्तीर्ण की है। उनकी इस सफलता को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा के इतिहास में महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है।

हिन्दी से एमबीबीएस की पढ़ाई कराने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य

दरअसल एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी में होने से आ रही कठिनाईयों को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने साल 2022 में हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई प्रारंभ करने का निर्णय लिया था। अब इसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने चिकित्सा शिक्षा को हिंदी माध्यम में प्रारंभ करने का ऐतिहासिक कदम उठाया। आज इसकी सफलता अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रही है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने दी बधाई

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल से नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर की छात्रा कु. चेतना झरिया ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होने छात्रा को बधाई एंव शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई का निर्णय प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए नई राह खोलने वाला साबित हुआ है। ग्रामीण एवं अंचल स्तर के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सहजता से डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा। हिंदी में गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री तैयार की गई है और कक्षाओं में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी का भी समान महत्व सुनिश्चित किया गया है।

अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा के इतिहास में महत्वपूर्ण पड़ाव है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि शासन द्वारा लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय के सुखद परिणाम अब सामने आ रहे हैं। इससे यह प्रमाणित हो गया है कि भाषा कभी भी प्रगति और सफलता में बाधा नहीं बनती। प्रदेश में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं हिंदी माध्यम से स्कूली शिक्षा प्राप्त करते हैं। पहले अंग्रेजी माध्यम में चिकित्सा शिक्षा होने के कारण वे हतोत्साहित महसूस करते थे। राज्य शासन ने उनकी इस कठिनाई को दूर करने के लिए वर्ष 2022 में हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई प्रारंभ करने का निर्णय लिया था। आज इसकी सफलता अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रही है।

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