Site icon SHABD SANCHI

भारत में जल्द बनेंगी सस्ती इलेक्ट्रिक कारें, सरकार की नई योजना से मिलेगा बूस्ट

Cheap Electric Cars India: भारत में जल्द ही सस्ती इलेक्ट्रिक कारों (Cheap Electric Cars In India) का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू की है। भारी उद्योग मंत्रालय ने “स्कीम टू प्रमोट मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार्स इन इंडिया” (SPMEPCI) के तहत 24 जून 2025 को आवेदन पोर्टल लॉन्च किया, जो 21 अक्टूबर 2025 तक खुला रहेगा। इस योजना से मेक इन इंडिया (Make in India) को बढ़ावा मिलेगा और सस्ती इलेक्ट्रिक कारों की उपलब्धता बढ़ेगी (EV Manufacturing Scheme)।

SPMEPCI योजना के तहत सरकार वैश्विक और स्थानीय EV निर्माताओं को प्रोत्साहित कर रही है। कंपनियों को 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4200 करोड़ रुपये) का न्यूनतम निवेश करना होगा और तीन साल के भीतर भारत में EV मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करना होगा। इसके बदले, उन्हें 35,000 डॉलर (लगभग 29 लाख रुपये) से अधिक कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारों के आयात पर 15% की रियायती सीमा शुल्क (Customs Duty Concession) मिलेगी। प्रति वर्ष अधिकतम 8000 इलेक्ट्रिक कारों को इस छूट के साथ आयात किया जा सकता है, और अप्रयुक्त कोटा अगले साल तक ले जाया जा सकता है। यह योजना न केवल उत्पादन बढ़ाएगी, बल्कि बैटरी निर्माण लागत को कम करने के लिए कोबाल्ट, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क छूट भी देगी (Battery Cost Reduction)।

सस्ती इलेक्ट्रिक कारों की संभावना

वर्तमान में भारत में सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कारें, जैसे MG Comet EV (Rs. 6.98 लाख), Tata Tiago EV (Rs. 7.99 लाख), और Tata Punch EV (Rs. 9.1 लाख), मध्यम बजट के लिए उपलब्ध हैं। नई योजना स्थानीय उत्पादन बढ़ाने और बैटरी लागत कम करने पर केंद्रित है, जिससे इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें और सस्ती हो सकती हैं। 2025 में Tata EVO Plus, Maruti Suzuki e Vitara, और Hyundai Creta Electric जैसी नई EV मॉडल्स की लॉन्चिंग भी बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगी। सरकार का लक्ष्य 2030 तक निजी कारों में 30% EV हिस्सेदारी का है, और इसके लिए FAME-II योजना के तहत 1.43 बिलियन डॉलर (लगभग 12,000 करोड़ रुपये) का समर्थन दिया जा रहा है (FAME India EV Subsidy)।

प्रमुख निर्माता और निवेश

हालांकि भारत में EV की बिक्री 2024 में 20% बढ़कर लगभग 1,00,000 यूनिट्स तक पहुंच गई, लेकिन कुल वाहन बिक्री (4.9 मिलियन) में इनका हिस्सा केवल 2% है। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी और बैटरी की उच्च लागत अभी बाधा हैं। सरकार ने चार्जिंग स्टेशनों के लिए 693 मिलियन डॉलर (Rs. 5790 करोड़) की सब्सिडी दी है, और Hyundai जैसे निर्माता मुंबई, पुणे, और बेंगलुरु जैसे शहरों में चार्जिंग नेटवर्क बढ़ा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नई योजना और तकनीकी प्रगति से 2027 तक सस्ती इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें 5 लाख रुपये तक कम हो सकती हैं (EV Price Reduction)।


SPMEPCI योजना भारत को इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सस्ती इलेक्ट्रिक कारों का स्थानीय उत्पादन न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं को किफायती और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प भी देगा। यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) के विजन को मजबूत करेगा, जिससे देश का ऑटोमोटिव सेक्टर नई ऊंचाइयों को छूएगा।

Exit mobile version