Chaos outside Rewa Central Jail: रीवा केंद्रीय जेल के सामने रविवार दोपहर उस वक्त दिल दहला देने वाला मंजर देखने को मिला जब एक परिवार अपने 22 साल के बेटे विशाल सौदिया का शव लेकर जेल गेट पर पहुंच गया। परिजनों की मांग है कि जेल में बंद पिता बृजकिशोर सौदिया और चाचा उमेश सौदिया को कम से कम एक बार बेटे/भतीजे का चेहरा दिखा दिया जाए।
मूल रूप से गोविंदगढ़ निवासी विशाल सौदिया सतना जिले के रामपुर बघेलान में अपने ननिहाल में रहता था। शनिवार को घर में मोबाइल चार्जर लगाते वक्त करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के एक पुराने मामले में दोषी ठहराए गए विशाल के पिता बृजकिशोर और चाचा उमेश पिछले दो साल से रीवा सेंट्रल जेल में बंद हैं।
परिजनों ने शनिवार से ही सतना और रीवा दोनों जिलों के कलेक्टर-एसपी दफ्तर के चक्कर काटे, पैरोल के लिए आवेदन दिए, लेकिन 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बावजूद कोई अनुमति नहीं मिली। आखिरकार रविवार दोपहर परिजन बेटे का शव लेकर सीधे जेल पहुंच गए और गेट पर ही जोर-जोर से रोने-चीखने लगे। “24 घंटे से लाश घर पर पड़ी है… पापा को सिर्फ एक बार बेटे का मुंह दिखा दो… फिर हम अंतिम संस्कार कर देंगे। घर में कोई मर्द नहीं बचा, सिर्फ ये दोनों पापा-चाचा हैं… क्या इतना भी हक नहीं बचा?”
परिजनों की पुकार सुनकर हर आंख नम हो गई। जेल प्रशासन का कहना है कि सतना जिला प्रशासन से अनुमति का पत्र आ गया है, लेकिन अभी रीवा जेल को औपचारिक रूप से नहीं मिला है। इसलिए अभी बंदियों को बाहर नहीं निकाला जा सकता। जेल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और परिजनों को समझाने की कोशिश की जा रही है।
