MP Panchayat and Rural Development Department News: सरकार ने तय किया है कि यदि किसी पंचायत सचिव की मृत्यु सेवाकाल के दौरान हो जाती है तो उसके परजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने का काम अब सात साल की अवधि में किया जा सकेगा। इसके पहले तीन साल की समय सीमा थी और इस अवधि तक जीवन गंवाने वाले पंचायत सचिव के परिवार का सदस्य निर्धारित योग्यता नहीं रखता था. इस वजह से उसके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं मिल पाता था.
Change in Panchayat Secretary Compassionate Appointment: मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश की 23 हजार पंचायतों में पदस्थ सचिवों के हित में फैसला लिया है. सरकार ने तय किया है कि यदि किसी पंचायत सचिव की मृत्यु सेवाकाल के दौरान हो जाती है तो उसके परजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने का काम अब सात साल की अवधि में किया जा सकेगा। इसके पहले तीन साल की समय सीमा थी और इस अवधि तक जीवन गंवाने वाले पंचायत सचिव के परिवार का सदस्य निर्धारित योग्यता नहीं रखता था. इस वजह से उसके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं मिल पाता था.
आइए समझते हैं आसान शब्दों में
दरअसल मध्यप्रदेश सरकार ने पंचायत सचिवों की अनुकंपा नियुक्ति में जो फैसला लिया है उसमें यह कहा गया है कि अभी तक जिन पंचायत सचिवों की सेवाकाल में दौरान मृत्यु हुई है, तो उनके परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति के मात्र तीन साल का समय दिया जाता था. यानी कि इस अवधि तक ही घर के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति मिलती थी. लेकिन सरकार ने इस अवधि को बढ़ाकर अब सात साल कर दिया है. यानी कि अब तक नियुक्ति के लिए जो तीन साल का समय दिया जाता था अब वह सात साल कर दिया गया है.
जिला अधिकारियों को दिए गए आदेश
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए विभागीय नियमों में बदलाव के बाद सभी कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को नए नियमों के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति देने के आदेश जारी किए हैं. विभाग के उपसचिव द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि ग्राम पंचायत सचिव की सेवाकाल में मृत्यु की दशा में अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर 15 नवंबर 2017 को आदेश जारी किया गया था। इसमें यह व्यवस्था थी कि अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता ग्राम पंचायत सचिवों की मृत्यु की तारीख से तीन साल रहेगी। अब सरकार ने इसमें संशोधन कर दिया है.
एक और बदलाव
पंचायत सचिवों की मृत्यु पर अनुकंपा नियुक्ति को लेकर पहले यह समस्या थी कि जिलों में जगह नहीं होने की वजह से मृतक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलती थी. मई 2024 में किए गए नोटिफिकेशन के माध्यम से पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया था कि पंचायत अधिनियम के नियम 5 के बाद नियम 5 (क) स्थापित किया जा रहा है. इसमें यह प्रावधान होगा कि जिस जिला पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत सचिव सेवारत था, यदि उस जिले की ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव का पद रिक्त नहीं है तो रिक्त उसके परिजनों को अन्य जिलों में जहां ग्राम पंचायत सचिव के पद रिक्त हैं वहां अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकेगी।
इन जिलों में पात्रता के आधार पर ग्राम पंचायत सचिव पद पर नियुक्ति देने के लिए पंचायत राज संचालनालय द्वारा ग्राम पंचायत सचिव के रिक्त वाली जिला पंचायत को अनुकंपा नियुक्ति चाहने वाले का आवेदन भेजा जाएगा और इसके आधार पर संबंधित जिले में उसकी नियुक्ति की जाएगी।