Chandipura virus: क्या है चांदीपुरा वायरस? कैसे फैलता है दुसरे शरीर में? जानिए क्या हैं उपाय

virus

Chandipura virus: भारत में लगातार चांदीपुर वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में गुजरात में हुई एक बच्ची की चांदीपुरा वायरस से मौत के कारण लोगों में इसके प्रति गम्भीरता बढ़ गयी है। देश भर में चांदीपुरा वायरस के मामले भी बढ़ रहे है जिसमें इससे मरने वालों की संख्या लगभग 15 से ज्यादा हो गयी है। मिली जानकारी के मुताबिक देश भर में इसके 50 से ज्यादा मामले बढ़ गए हैं। ये खतरनाक वायरस अपनी चपेट में ज्यातर ज्यादातर बच्चो को ले रहा है।

क्या है चाँदीपुरा वायरस?

चांदीपुरा वायरस CHPV रबडोवीरीडे फैमिली का एक वायरस है। ये वायसर कई कीड़ों या मच्छरों की एडीज़ प्रजाति से भी फैलते हैं ये कीड़ों की लार में पाया जाता है जो इंसान को काटता है और इससे वायरस एक इंसान से दुसरे इंसान के शरीर में प्रवेश करते हैं।

इस वायरस का सबसे पहला मामला 1965 में महाराष्ट्र के चाँदीपुरा गांव में मिला था जिस कारण इसका नाम चाँदीपुरा वायरस हो गया। इस वायरस में रेबीज़ का कारण बनने वाले लिसवायरस जैसे अन्य वायरस भी शामिल हैं।

चांदीपुरा वायरस के लक्षण ;

चांदीपुरा वायरस के ऐसे लक्षण हैं जो सामान्य तबियत बिगड़ने के समय होता है इसमें गंभीर यही है की इसकी पहचान करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसके मुख्य लक्षण बुखार, ज़ुकाम, उल्टी, दस्त, दौरे और शरीर में ऐठन होते हैं। इन सब के अलावा जब मामला थोड़ा गंभीर हो जाता है तो दिमाग में सूजन भी बढ़ने लगती है या फिर बीमार व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है और फिर बाद में हालत गंभीर होने के बाद मौत भी हो जाती है।

चांदीपुरा वायरस से बचने के उपाय ;

चांदीपुरा वायरस से बचने के लिए घर में साफ-सफाई का खास ध्यान रखना होगा। इसके साथ ही घर में आने वाले कीड़े-मौकोड़ो को दूर रखने की कोशिश करें। पाए जाने वाले मक्खी और मच्छर जो भी इंसान की त्वचा के संपर्क में आते हैं उनसे बचाव का उपाय ढूंढना चाहिए। इन सब के साथ ही रात में सोते समय इन्सेक्ट किलर चालू ज़रूर रखें या मच्छरदानी का इस्तेमाल ज़रूर करें। घर में रखा खाना, फल, फूल और सब्ज़ियों को ढांक कर रखा जाना चाहिए।

चांदीपुरा वायरस का इलाज ;

चांदीपुरा वायरस के लिए फ़िलहाल तो कोई वैक्सीन नहीं बानी है पर यदि किसी व्यक्ति के भीतर किसी भी तरह का लक्षण दिखाई देता है तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और उसी की रिकमेंड की हुई दवा खिलानी चाहिए। इसके अलावा इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए काढ़ा और पौस्टिक आहार का सेवन करना करना चाहिए इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और वायरस से निपटने में ताकत भी मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *