Gujarat Chandipura Virus का कहर!

Gujarat Chandipura Virus Kya Hai, Chandipura Virus News In Hindi: गुजरात में चांदीपुरा वायरस का प्रकोप तेजी से बड़ रहा है जिससे अब तक वहां 15 बच्चों की मौत हो गयी है. इस वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखकर आस पास के राज्य भी अलर्ट पर है.

Chandipura Virus: हाल ही में पूरा देश कोरोना महामारी से खुद को उबार पाया है. ऐसे में एक नए वायरस ने सबको हैरान कर दिया है. यह वायरस दिमाग में सूजन का कारण बनता है और फ्लू जैसे लक्षणों (Chandipura Virus Symptoms) के साथ कोमा और मौत तक का कारण बनता है। इसलिए यह बेहद घातक माना जा रहा है. इस बीमारी को लेकर देशभर में चिंता और डर का माहौल बना हुआ है।

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क्या है चांदीपुरा वायरस | Gujarat Chandipura Virus Kya Hai

अगर इस वायरस (Gujarat Chandipura Virus) की बात करे तो यह कोई नया वायरस नहीं है। . इसका पहला मामला 1965 में महाराष्ट्र के नागपुर जिले के चांदीपुरा में सामने आया था। इस वायरस से महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाके प्रभावित हैं। यह एक आरएनए वायरस है जो 14 वर्ष तक के बच्चो को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. इसके संक्रमण से मरीज दिमागी बुखार (इंसेफेलाइटिस) का शिकार हो जाता है। यह मच्छरों और मक्खियों जैसे वैक्टर से फैलता है। महाराष्ट्र में इस वायरस ने 36 वर्षों में बड़े पैमाने पर बच्चों की जानें ली और एक प्रकोप की तरह फैलकर पूरे चांदीपुरा गांव को नष्ट कर दिया था। इसी गांव के आधार पर इस वायरस का नाम चांदीपुरा वायरस रखा गया।

कैसे फैलता है वायरस | Gujarat Chandipura Virus Kaise Failta Hai

Gujarat Chandipura Virus

डॉक्टर ने बताया कि इस वायरस को फैलाने में फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाइज (Phlebotomine sandflies) और फ्लेबोटोमस पापटासी (Phlebotomus papatasi) प्रजातियां मुख्य किरदार निभाती हैं। इसके अलावा एडीज एजिप्टी, जो  डेंगू बुखार के फैलने का भी कारण बनता है, मच्छर की एक और ऐसी प्रजाति है, जो रेबीज की तरह ही इस बीमारी को फैलाती है। इसलिए, यह ट्रिपैनोसोमा क्रूजी जैसे परजीवियों के लिए प्राकृतिक जलाशयों में पाया जा सकता है। साथ ही जब कीड़े इंसानों या बिल्ली जैसे अन्य जानवरों को काटता है, तो यह बीमारी फैलती है.

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चांदीपुर वायरस के लक्षण | Gujarat Chandipura Virus Virus Symptoms

  • ब्लीडिंग
  • सिरदर्द
  • एनीमिया
  • अचानक बुखार आना
  • शरीर में दर्द
  • सांस लेने में कठिनाई

किसे रहना चाहिए सावधान | Gujarat Chandipura Virus Virus Precautions

यह वायरस सबसे अधिक बच्चों को अपना निशाना बनाता है। यह मुख्य रूप से 14 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है। यह संक्रमण तब फैलता है जब वायरस मक्खी या मच्छर के काटने या उनकी लार के संपर्क में आने से खून में पहुंचता है। वायरस से संक्रमित बच्चों के दिमाग में सूजन समेत कई अन्य लक्षण दिखने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग संक्रमित बच्चों के परिजनों के सैंपल भी ले रहा है।

वायरस से बचाव

इस वायरस से बचाव करना बेहद जरूरी है. मॉस्किटो रिपेलेंट और मच्छरदानी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। ज्यादा से ज्यादा अपने बदन को कपड़ो से ढके रहे। अपने आस पास पानी को एकत्रित न होने दें।

<blockquote class="twitter-tweet" data-media-max-width="560"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH</a> | Sabarkantha: On the cases of Chandipura virus, Gujarat Health Minister Rushikesh Patel says, &quot;In Gujarat, symptoms of Chandipura virus were found in kids...Seven cases were sent to Pune for lab testing, out of which only one case of Chandipura virus has been… <a href="https://t.co/cqPlaj7Cnx">pic.twitter.com/cqPlaj7Cnx</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1814190144234381417?ref_src=twsrc%5Etfw">July 19, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>

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