Chanakya Niti on Happy Married Life: सफल वैवाहिक जीवन के पांच सूत्र

Chanakya Niti

Chanakya Niti: अचानक चाणक्य ने जीवन के हर पहलू पर अपनी कुछ विशिष्ट सूत्रों का वर्णन अपनी किताब चाणक्य नीति में किया है। आचार्य चाणक्य द्वारा बताये गए यह सूत्र न केवल भूतकाल में प्रासंगिक थे बल्कि वर्तमान में भी यह सूत्र काफी प्रासंगिक साबित होते हैं। चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति किताब में न केवल सफलता के नियमों का वर्णन किया है बल्कि विवाहित जीवन को मधुर( vivah ke baad kya na kare) बनाने के लिए भी कुछ विशेष नियमों का वर्णन किया है इसी के बारे में विस्तारित रूप से जानेंगे।

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अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए पति हो अपनाने होंगे यह नियम(tips for happy married life)

जैसा कि हम सब जानते हैं विवाह का बंधन एक अटूट बंधन होता है। हालांकि इस बंधन को बनाए रखने के लिए दोनों तरफ से प्रयास होना आवश्यक है परंतु क्या आप जानते हैं कि विवाह के पश्चात पुरुष हमेशा कुछ ऐसी गलती करते हैं जिसकी वजह से उनका वैवाहिक जीवन खतरे में आने लगता है। आज के इसमें इस लेख में हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई पांच ऐसी गलतियों के बारे में बताएं कि जिसे पुरुषों को हमेशा दूर रहना चाहिए।

विवाहित पुरुषों को नहीं करनी चाहिए यह पांच गलतियां(pati ko nahi karni chahiye yeh galatiya)

पराई स्त्री के लिए आकांक्षा: आचार्य चाणक्य ने बताया है कि यदि विवाहित पुरुष में विवाह के बाद भी पर स्त्री के लिए आकर्षण है या कामुक विचार है तो ऐसे में उस व्यक्ति का वैवाहिक जीवन खतरे में आ जाता है। ल चाणक्य ने बताया है कि विवाह के पश्चात पुरुष को अन्य सभी स्त्रियों को माता, बहन या बेटी के रूप में ही देखना चाहिए।

पत्नी को ना समझे संपत्ति: आमतौर पर विवाह के पश्चात पुरुष पत्नी को अपनी संपत्ति समझने लगते हैं और खुद को उसका स्वामी मानने लगते हैं जिसकी वजह से महिलाओं के अधिकारों का हनन होता है। ऐसे में पत्नियां अपने पति का सम्मान नहीं कर पाती जिसकी वजह से रिश्तों में दरार आने लगती है और प्रेम उड़न छू हो जाता है।

पत्नी की उपेक्षा करना: आचार्य ने स्पष्ट किया है कि विवाह के बाद पति को कभी भी पत्नी की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। पत्नी को कभी भी किसी मामले में तुच्छ नहीं समझना चाहिए। यदि कोई पति ऐसा करता है तो वह पतन के मार्ग पर जा रहा होता है क्योंकि पत्नी न केवल घर की लक्ष्मी होती है बल्कि वह साक्षात दुर्गा का स्वरूप होती है इसीलिए पति को चाहिए कि वह हमेशा पत्नी की इज्जत करें ।

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पत्नी पर हाथ उठाना: कई बार पति गुस्से में पत्नी पर हाथ उठा देते हैं या क्रोध कर लेते हैं, ऐसे में इस प्रकार का व्यवहार भी पत्नियों को पति से दूर ले जाता है। पति को चाहिए की छोटी-मोटी बातों पर वह समझदारी से व्यवहार करें और पत्नी के मनोभाव को समझने की कोशिश करें।

घरेलू जिम्मेदारी से भागना: आचार्य ने बताया है कि कई बार पति घरेलू जिम्मेदारी पत्नी के कंधे पर लादकर खुद भागने लगते हैं, ऐसे में पत्नियां अकेलापन और बोझ महसूस करने लगती है। पति को चाहिए कि वह घर के छोटे बड़े कार्य ,बच्चों के पालन पोषण यहां तक की पारिवारिक फैसलों में भी पत्नी का साथ दें।

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