Chanakya Niti For Destiny and Luck: भाग्य को लेकर चाणक्य ने कही है यह बात

Chanakya Niti For Destiny and Luck

Chanakya Niti For Destiny and Luck: आचार्य चाणक्य जिन्हें हम कौटिल्य के नाम से भी जानते हैं वह प्राचीन भारत के महान नीति शास्त्रज्ञाता, राजनीतिज्ञ और चिंतक थे। उनके द्वारा लिखी गई नीतियां आज भी काफी प्रासंगिक है। चाणक्य केवल राजनीतिज्ञ नहीं बल्कि जीवन की सूक्ष्मतम सच्चाइयों को समझने वाले ज्ञानी भी थे। चाणक्य ने मनुष्य जीवन की ऐसी पांच प्रमुख (chanakya niti on bhagya fal) बातों के बारे में अपनी चाणक्य नीति में बताया है जो जन्म से पहले ही तय कर दी जाती है जिसे कितना भी प्रयास किया जाए बदला नहीं जा सकता। यह बातें हैं आयु, कर्म, धन ,संपत्ति, विद्या और मृत्यु।

Chanakya Niti For Destiny and Luck
Chanakya Niti For Destiny and Luck

चाणक्य ने बताया है कि मनुष्य के जीवन की पांच प्रमुख बातें पहले से ही तय होती है और इन्हें कभी भी बदला नहीं जा सकता। मनुष्य की यह बातें गर्भ में आने से पहले ही लिख ली जाती है और यही मनुष्य का भाग्य कहलाती है। इन्हें समझने के लिए मनुष्य को नया दृष्टिकोण अपनाना पड़ता है तब कहीं जाकर मनुष्य मानसिक संतुलन बनाए रखते हुए अपना जीवन सार्थक कर पता है। आईए जानते हैं इन्हीं सारी बातों के बारे में विस्तार से

चाणक्य के अनुसार मनुष्य किन बातों को कभी नहीं बदल पाता (bhagya me kya likha hai)

चाणक्य के अनुसार मनुष्य पांच बातें बिल्कुल भी नहीं बदल पाता। यह बातें माता के गर्भ से ही तय हो जाती हैं। यह मुख्य बातें इस प्रकार हैं

आयु : जीवन की अवधि यानी जन्म से मृत्यु तक का समय पहले से ही तय होता है। इसे मनुष्य से कभी नहीं बदल पाता।

कर्म: मनुष्य कभी भी अपने कर्म को नहीं बदल पाता, कर्म और उनके फल पहले से ही निर्धारित होते हैं भले ही हम कितना भी प्रयास करें भाग्य का परिणाम पहले से ही तय होता है।

धन संपत्ति: मनुष्य के जीवन में मिलने वाले संसाधन और संपत्ति का स्तर भी पहले से ही तय होता है, चाहे कितना भी प्रयास करें जो लिखा होता है उतना ही मिलता है।

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विद्या: मनुष्य कितनी विद्या प्राप्त करेगा यह भी गर्भ में आने से पहले ही तय हो जाता है और मनुष्य विद्या प्राप्त कर कहां पहुंचेगा यह भी पहले से ही नियति का हिस्सा होता है।

मृत्यु : मनुष्य की मृत्यु भी पहले से ही लिखी होती है मृत्यु के समय कौन उसके साथ होगा और मृत्यु कैसे प्राप्त होगी यह भी पहले से ही निर्धारित होता है।

इन सारी बातों के बावजूद भी चाणक्य ने किस प्रकार का व्यवहार अपनाने लिए कहा है (bhagya kaise badle)

इन सारी बातों के होते भी चाणक्य ने कुछ विशेष ज्ञान की बातें बताई है-

  • मनुष्य को परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि मेहनत पर ध्यान देना चाहिए ।
  • जब कभी असफलता हो तो दोष मुक्त रहे और इसे स्वीकार करें।
  • हमेशा संयम बरतें,चाहे सफलता मिले या असफलता क्योंकि यह सब नियति का हिस्सा है।
  • इसके अलावा हमेशा संतोष में रहे क्योंकि जितना मिला है वह पहले से ही तय था।

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