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तो Champions Trophy में नहीं होगा IND vs PAK मैच?

Champions Trophy 2025 : क्रिकेट फैंस को फरवरी 2025 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकी फरवरी में चैंपियंस ट्रॉफी होने जा रही है, सबसे ज्यादा कोई एक्साइटेड है वो हैं इंडियन क्रिकेट फैंस क्योंकी ICC के टूर्नामेंट्स में ही बस वो मौका आता है जब एक मैदान में भारत और पाकिस्तान की टीम का एक दूसरे से आमना – सामना होता है. लेकिन हो सकता है कि अपकमिंग चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में INDIA vs Pakistan का मैच देखने को ही न मिले, इस लिए नहीं क्योंकी BCCI ने इंडियन क्रिकेट टीम को मेजबान देश पाकिस्तान भेजने से इंकार किया है बल्कि इस लिए क्योंकी पाकिस्तान के हाथ से मेजबानी ही छीनी जा सकती है और मेजबानी छीने जाने पर पाकिस्तान इस टूर्नामेंट में पार्टिसिपेट करने से ही मना कर देगा। ये हम नहीं खुद पाकिस्तान में छपने वाला अखबर द डॉन कह रहा है.

पाकिस्तान से मेजबानी वापस लेली जाएगी ?

IND vs PAK Champions Trophy 2025: ये तो सब को मालूम है कि BCCI ने इंडियन टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान भेजने से मना कर दिया है. और ये बात सबको पहले से मालूम भी थी कि चाहे चैम्पियंस ट्रॉफी हो या वर्ल्ड कप अगर उसे पाकिस्तान होस्ट करेगा तो टीम इंडिया कभी वहां नहीं जाएगी क्योंकी मामला दो देशों के बीच के राजनीतिक और सरहदी तनाव बस का नहीं है ये मामला भारतीय खिलाडियों की सुरक्षा का है. पहले PCB बड़े गुरूर में था कि BCCI, ICC के द्वारा चुने गए मेजबान देश में जाने से इंकार नहीं कर सकता लेकिन ये गुरूर तभी टूट के चूर हो गया जब ICC ने खुद कि PCB को चिट्ठी लिखकर ये क्लियर कर दिया कि देखो भारत की टीम तो पाकिस्तान नहीं जाएगी, इसी लिए अच्छा सा मुहूर्त देखकर कोई न्यूट्रल वेन्यू सेलेक्ट कर लो बाकी आप समझ लो क्या करना है? PCB चीफ मोहसिन नकवी ने इस बात पर कहा कि कि चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए हम हाइब्रिड मॉडल नहीं अपनाएंगे, PCB ही हर बार ये उम्मीद न की जाए कि हम हर बार अच्छे से पेश आएँगे।

तो नहीं खेलेगा पाकिस्तान

Champions Trophy 2025 Schedule : अब सिचुएशन ऐसी हो गई है कि ये मेजबानी पाकिस्तान के हाथ से ही छीन ली जा सकती है. अगर ICC के कहने के बाद भी PCB इस जिद में पड़ा रहा कि इंडियन टीम पाकिस्तान आए तो हो सकता है कि ICC पाकिस्तान से मेजबानी ही वापस लेले। भले ही ICC किसी भी क्रिकेट बोर्ड के साथ पक्षपात नहीं कर सकता मगर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि क्रिकेट वर्ल्ड में BCCI और इंडियन फैंस का रोला जमा हुआ है. दुनिया में सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड BCCI है, जिसका ICC में दबदबा है, दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिकेट देखने वाले भारतीय हैं. अगर PCB की जिद ये है कि भारत को खेलना है तो पाकिस्तान आए या फिर न खेले तो इससे बेटर यही होगा कि पाकिस्तान से मेजबानी ही ले ली जाए. न रहेगा बांस न बजेगी बंसी

पाकिस्तानी अख़बार डॉन में छपा है कि ICC द्वारा PCB को हाइब्रिड मॉडल अपनाने के निर्देश देने के बाद PCB अब पाकिस्तान सरकार के फैसले का इंतजार कर रहा है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अगर ICC, पाकिस्तान से मेजबानी वापस लेगा तो पाकिस्तान सरकार , PCB को इस टूर्नामेंट से ही पीछे हट जाने के लिए कह देगी। ऐसे में चैम्पियंस ट्रॉफी तो होगी लेकिन इंडिया VS पाकिस्तान मैच नहीं हो पाएगा। जहां तक उम्मीद है यही है कि पाकिस्तान सरकार और PCB कुछ समय बाद BCCI और ICC की हर कंडीशन को मान लेंगे क्योंकि उनके पास कोई ऑप्शन नहीं है.

बात ईगो की नहीं सिक्योरिटी की है

और देखा जाए तो जब दो साल पहले पाकिस्तान में एशिया कप हुआ था तब भी भारतीय टीम पाकिस्तान खेलने नहीं गई थी बल्कि इंडिया के मैच न्यूट्रल वेन्यू पर हुए थे. उस वक़्त भी PCB बड़े नखरे कर रहा था और ये भी धमकी दी थी कि जब इंडिया में वर्ल्ड कप होगा तो हम भी नहीं आएँगे लेकिन अंत में हुआ क्या ? एशिया कप में टीम इंडिया के लिए अलग से व्यवस्था भी हुई और वर्ल्ड कप में पाकिस्तान भारत आया भी. पाकिस्तान को लगता है कि BCCI ऐसा करके सिर्फ अपना ईगो दिखा रहा है जबकि मामला ईगो का नहीं है, कल को इंडियन टीम पाकिस्तान गई , 4 आतंकी आकर गोलियां ही चला दिए तो कौन रोक लेगा ? पाकिस्तान में सरकार अपने लोगों की हिफाजत तो कर नहीं पा रही है, इंडियन खिलाडियों की कैसे करेगी? सुरक्षा की गारंटी देने वाले पाकिस्तान को वो दिन याद कर लेना चाहिए जब 2009 में पाकिस्तान क्रिकेट खेलने गई श्री लंका की टीम पर आतंकियों ने हमला कर दिया था.

भारत 2008 से नहीं गया पाकिस्तान

बात करें इंडियन टीम की तो 2008 से टीम इंडिया पाकिस्तान नहीं गई है. 26/11 आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने पर ही रोक लगा दी थी मगर ACC और ICC के इवेंट में दोनों टीमें एक दूसरे के खिलाफ खेलती हैं. तो कुल मिलाकर बात ये है कि अपनी जिद पर अड़े PCB को या तो न्यूट्रल वेन्यू के ऑफर को स्वीकार करना पड़ेगा या फिर मेजबानी से ही हाथ धो बैठना पड़ेगा ? इस पूरे मामले को लेकर आपका क्या सोचना है हमें कमेंट में जरूर बताएं

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