Chabahar Port पर US प्रतिबंधों से भारत को छूट! ट्रम्प ने क्यों दी मोहलत

भारत को चाबहार पोर्ट (Chabahar Port India) को लेकर बड़ी राहत मिली है! अमेरिका ने भारत को ईरान के इस रणनीतिक बंदरगाह पर लगने वाले प्रतिबंधों (US Sanctions on Iran) से 6 महीने की छूट दे दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी पुष्टि की।

29 सितंबर से अमेरिका ने चाबहार से जुड़ी कंपनियों पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी। बाद में डेडलाइन 27 अक्टूबर तक बढ़ाई गई, जो 3 दिन पहले खत्म हुई। अब ट्रम्प प्रशासन ने 6 महीने की नई मोहलत दी।

2024 में भारत ने चाबहार को 10 साल की लीज पर लिया था। जिसके लिए120 मिलियन निवेश + $250 मिलियन क्रेडिट लाइन कॉन्ट्रैक्ट साइन हुए थे. इस पोर्ट का IPGL (Indian Ports Global Limited) परिचालन करती है.

चाबहार से भारत को 4 बड़े फायदे (Importance of Chabahar Port For India)

  1. पाकिस्तान बाईपास रूट
    • अफगानिस्तान, मध्य एशिया, रूस-यूरोप तक सीधा व्यापार
    • गेहूं, दवाएं, इंडस्ट्रीयल सामान की डिलीवरी आसान
  2. एक्सपोर्ट बूस्ट & लॉजिस्टिक्स बचत
    • ईरान से तेल आयात में सुविधा
    • ट्रेड हब बनने की क्षमता – 82 मिलियन टन कैपेसिटी
  3. निवेश सुरक्षित
    • 2003 से शुरू प्रोजेक्ट अब बिना रुकावट चलेगा
    • मोदी सरकार का 2016 समझौता: ₹700 Cr टर्मिनल + ₹1250 Cr कर्ज
  4. चीन-पाकिस्तान को काउंटर
    • ग्वादर पोर्ट (चीन का निवेश) से महज कुछ किमी दूर
    • भारत की रणनीतिक पकड़ मजबूत

यूएस सेंक्शन हटने के बाद भारत अब चाबहार के जरिए अपने सामान, दवाएं, फूड और इंडस्ट्रीयल प्रोडक्ट आसानी से दूसरे देशों तक भेज सकेगा। इससे भारत का एक्सपोर्ट बढ़ेगा और लॉजिस्टिक खर्च (ढुलाई खर्च) कम होगा। भारत को ईरान से तेल खरीदने में आसानी होगी। दोनों देश मिलकर चाबहार को एक ट्रेड हब बना सकते हैं।

पहले भारत को अफगानिस्तान माल भेजने के लिए पाकिस्तान से गुजरना पड़ता था, लेकिन सीमा विवाद के कारण यह मुश्किल था। चाबहार ने यह रास्ता आसान बनाया। भारत इस बंदरगाह से अफगानिस्तान को गेहूं भेजता है और मध्य एशिया से गैस-तेल ला सकता है।

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