वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार पेट्रोल और डीज़ल को माल और सेवा कर (GST) के दायरे में लाने के लिए राजी है, लेकिन कांग्रेस सरकार इस मुद्दे पर दोहरा रवैया अपना रही है। इंदौर में संवाददाताओं से बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि भाजपा सरकार और केंद्र सरकार शुरू से ही जनता के हित में पेट्रोल और डीज़ल को GST (Goods and Services Tax) के दायरे में लाने की पक्षधर है लेकिन इसका फैसला जीएसटी परिषद् को लेना है
सीतारमन ने कांग्रेस और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी पर ऊँगली उठाते हुए कहा, ‘पेट्रोल और डीज़ल को GST के दायरे में लाये जाने से रोकने वाले कौन लोग हैं? अगर कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गाँधी पेट्रोल और डीज़ल को GST में लाना चाहती हैं तो उन्हें कांग्रेस की राज्य सरकारों से कहना चाहिए कि जीएसटी परिषद् (GST Council) की बैठक में इस पर सहमति दें।
उनहोंने मीडिया से कहा कि ‘मीडिया वालों को पेट्रोल डीज़ल के मुद्दे पर “दोगला रवैया” अपनाने वाली कांग्रेस से सवाल करना चाहिए’।
वैश्विक राजनीति का पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों पर असर
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से कच्चे तेल के दामों में उठ पटक चल रही है और इनके दामों में अस्थिरता बनी हुई है। भारत सरकार इससे निपटने की कोशिश कर रही है, सरकार रूस से सस्ता कच्चा तेल आयात कर रही है। उन्होंने कहा चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या इजराइल-हमास संघर्ष या कहीं भी युद्ध हो, कच्चे तेल के दामों में असर पड़ता ही है, सरकार इस पर अपनी नज़र बनाये हुए है।