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सितंबर से भारत में शुरू हो सकती है जनगणना की प्रक्रिया

भारत सरकार सितंबर माह से जनगणना की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। इस प्रक्रिया में अनुमानित 18 महीनों का समय लग सकता है और नतीजे मार्च 2026 में आने की उम्मीद है।

भारत में पिछली बार 2011 में जनगणना हुई थी। हर 10 साल में होने वाली यह प्रक्रिया 2021 में कोरोना वायरस के कारण नहीं हो पाई थी। अब तीन साल की देरी के बाद भारत की आबादी की गिनती होंगी।

आपको बता दे कि हर 10 साल में  जनगणना कराई जाती है। इसे वर्ष 2021 में होना था लेकिन कोरोना महामारी की वजह से यह नहीं हो सका और इसे स्थगित कर दिया गया। अगर इस वर्ष  जनगणना होती है तो प्रधानमंत्री मोदी को कई महत्वपूर्ण आकड़े मिल सकते है।

जनगणना में लगेंगे 18 महीने

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ जनगणना की इस प्रक्रिया में लगभग 18 महीने का समय लग सकता है। आपको बता दे कि सरकार के भीतर और बाहर के अर्थशास्त्रियों ने ताजा जनगणना में देरी की तीखी आलोचना की है क्योंकि इससे आर्थिक डाटा , मुद्रास्फीति और नौकरियों के अनुमान समेत कई अन्य सांख्यिकीय सर्वेक्षणों की गुणवत्ता प्रभावित होती है.

1.4 अरब आबादी वाले देश में जनगणना समय पर कराना इस लिए भी जरूरी है क्योंकि अभी देश में जो भी नीतियां बन रही है वह 2011 की जनगणना के हिसाब से बनाई जा रही है। सरकार जो भी योजना बनाती है उसका आबंटन जनगणना के आधार पर होता है।

क्यों महत्वपूर्ण है जनगणना ?

आज देश में जितने भी डेटा है वह सब वर्ष 2011 की जनगणना पर आधारित है। सरकार द्वारा लागू कोई भी योजना तभी सफल हो सकती जब डेटा मौजूदा समय का हो। यहीं कारण है कि कई सरकारी योजनाएं और नीतियां कम प्रभावी हो गई है।

गौरतलब है कि जनगणना कराने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले गृह मंत्रालय और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक समय सीमा तैयार की है और उनका लक्ष्य मार्च 2026 तक नतीजे जारी करना है, जिसमें 15 साल की अवधि शामिल है

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