CBSE Class 12 physics paper : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की देश भर में परीक्षाएं शुरू हैं। आज शुक्रवार को सीबीएसई ने कक्षा 12 की भौतिकी (physics paper) की परीक्षा आयोजित की थी। इसमें छात्रों का कहना है कि पेपर काफी कठिन आया था। प्रश्न पत्र का पहला भाग सरल लेकिन मध्य भाग कठिन था। इस चर्चा के बाद शिक्षकों और विशेषज्ञों ने फिजिक्स परीक्षा पत्र का विश्लेषण किया। जिसमें विशेषज्ञों ने पाया कि प्रश्न पत्र संतुलित और सरल था। विशेषज्ञों ने बताया कि छात्रों द्वारा पेपर के जिस खंड को कठिन बताया गया, वह सामान्य स्तर का था।
सीबीएसई 12th का फिजिक्स पेपर विवाद | cbse class 12 physics question paper
आज से देशभर में शुरू हुई सीबीएसई की परीक्षा में 12वीं कक्षा के भौतिक की पेपर को लेकर विवाद छिड़ गया है। दरअसल छात्रों ने बताया कि फिजिक्स पेपर का मध्य भाग उनके स्तर से काफी कठिन था। भौतिक परीक्षा के सभी प्रश्न पत्र अनिवार्य थे जिसमें प्रश्न पत्र में पंच खंड थे – खंड ए, खंड बी, खंड सी, खंड डी और खंड ई। इन सभी प्रश्नों के लिए परीक्षा का प्राप्तांक 70 था। छात्रों के अनुसार परीक्षा पत्र के खंड बी और खंड सी कठिन था। जिसे हल करने में छात्रों को काफी परेशानी हुई।
गाजियाबाद पीजीटी फिजिक्स ने कहा – वैचारिक प्रश्न पत्र था
सिल्वरलाइन प्रेस्टीज स्कूल, गाजियाबाद में पीजीटी फिजिक्स, तुषार गोयल ने बताया कि कक्षा 12 के फिजिक्स के पेपर ने छात्रों के लिए एक सामान्य चुनौती पेश की, जिसमें छात्रों की मुख्य अवधारणाओं की समझ और उन्हें लागू करने की उनकी क्षमता का प्रभावी ढंग से आकलन किया गया। पेपर में पाठ्यक्रम से कई विषयों को शामिल किया गया था, जिसमें वैचारिक प्रश्न, व्युत्पत्ति और संख्यात्मक समस्याओं का मिश्रण था। पेपर में विभिन्न विषयों का नमूना लिया गया था, जिससे छात्र केवल कुछ क्षेत्रों पर निर्भर न रहें। सभी सवाल आमतौर पर अच्छी तरह से लिखे गए थे जिससे आसानी से समझा जा सके।
भौतिक शिक्षक ने भी मन पेपर कठिन था | cbse physics paper 2025
वहीं छात्रों के पेपर कठिन वाले बयान के बाद भौतिक शिक्षकों ने भी इस बात को स्वीकार किया है की परीक्षा पत्र का मध्य भाग कठिन था। बेंगलुरु में जैन इंटरनेशनल रेसिडेंशियल स्कूल के भौतिकी शिक्षक (पीजीटी) थिलक एम ने बताया, “सीबीएसई के कक्षा 12 के भौतिकी पेपर में मध्य भाग के प्रश्न कठिन थे, इन प्रश्नों पर छात्रों के लिए सीधे तौर पर एक चुनौती पूर्ण मिश्रण था।” हालांकि शिक्षक ने यह भी बताया कि प्रश्न पत्र अपेक्षाओं के अनुरूप ही थी लेकिन कुछ प्रश्न ऑन में गहन वैचारिक समझ की आवश्यकता थी। इसलिए जो छात्र प्रश्न पत्र को रेतकर हल करते हैं उनको कठिन लगा।
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