गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह व्यवस्था पहले से ही लागू थी. चूंकि अभी भारतीय न्याय दंड संहिता लागू हुई है. इस वजह से यह नोटिफिकेशन जारी करना जरुरी था. अन्यथा कोर्ट में विचाराधीन मामलों पर असर हो सकता था.
मध्यप्रदेश में CBI को जांच करने से पहले राज्य सरकार की लिखित अनुमति लेनी होगी। यानी कि राज्य सरकार की बिना अनुमति के सीबीआई कोई जांच नहीं कर सकती है. मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है. 1 जुलाई से ही यह नियम प्रभावशील मानी जाएगी। अभी तक सीबीआई पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पंजाब और केरल में किसी केस की जांच के पहले वहां की सरकार से अनुमति लेती थी. लेकिन अब यह मध्यप्रदेश में भी लागू हो चुका है.
गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह व्यवस्था पहले से ही लागू थी. चूंकि अभी भारतीय न्याय दंड संहिता लागू हुई है. इस वजह से यह नोटिफिकेशन जारी करना जरुरी था. अन्यथा कोर्ट में विचाराधीन मामलों पर असर हो सकता था. इसलिए यह गजट नोटिफिकेशन कराया गया है. बता दें कि सरकार ने 16 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी किया है.
कैसे कोई केस सीबीआई को दिया जा सकता है?
दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के सेक्शन 2 के तहत सीबीआई मात्र केंद्र शासित राज्यों में सेक्शन 3 के तहत अपराधों पर खुद से जांच शुरू कर सकती है. राज्यों में जांच शुरू करने से पहले सीबीआई को सेक्शन 6 के तहत राज्य सरकार से अनुमति लेना जरूरी है. बता दें कि सीबीआई को 4 तरह से केस सौंपा जाता है. पहला जब केंद्र सरकार खुद सीबीआई को जांच का आदेश दे. दूसरा जब हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को जांच के आदेश दे. तीसरा जब राज्य सरकार केंद्र से सीबीआई जांच की सिफारिश करे. और चौथा जब किसी केस को लेकर पब्लिक की डिमांड हो. इस केस में भी सरकार ही तय करती है.