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जहरीले कफ सिरप मामले की जांच करेगी CBI? अबतक 23 बच्चों की मौत!

CBI to investigate toxic cough syrup case: जहरीले कफ सिरप से दो राज्यों में अबतक 23 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है, और अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में CBI जांच की मांग तेज हो गई है। मध्य प्रदेश में 19 और राजस्थान में 4 बच्चों की मौत के बाद वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें CBI प्रोब (CBI Probe Demand) की मांग की गई है। याचिका में देशभर में दवाओं की सुरक्षा व्यवस्था की जांच, रिटायर्ड जज की निगरानी और नेशनल ज्यूडिशियल कमीशन गठन की भी मांग है। क्या केंद्र सरकार इस मामले को CBI को सौंपेगी, या राज्य स्तर की जांच ही काफी होगी?

यह त्रासदी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और राजस्थान के विभिन्न जिलों से शुरू हुई, जहां बच्चों को कफ सिरप देने के बाद किडनी फेलियर (Kidney Failure) से मौतें हुईं। मध्य प्रदेश में 19 बच्चे और राजस्थान में 4 की जान गई। छिंदवाड़ा से 19 सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिनमें गुजरात की दो कंपनियों के सिरप – रिलाइफ (Relife Syrup) और रेस्पिफ्रेस TR (Respifres TR Syrup) – में डायथाइलीन ग्लाइकॉल (DEG Contamination) की घातक मात्रा पाई गई।

तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स (Shrisan Pharmaceuticals) का कोल्ड्रिफ सिरप (Coldrif Syrup Batch SR-13) भी 48.6% DEG से दूषित पाया गया, जो ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’ घोषित हुआ।फैक्ट्री जांच में श्रीसन की यूनिट पर 350 से ज्यादा गंभीर अनियमितताएं (Manufacturing Irregularities) मिलीं – नॉन-फार्मा ग्रेड केमिकल्स का इस्तेमाल, गंदी मैन्युफैक्चरिंग कंडीशंस और खराब क्वालिटी कंट्रोल। अन्य सिरप जैसे नेक्सप्रो-DS (Nexpro-DS Batch AQD-2559) और डिफ्रॉस्ट (Defrost Batch 11198 by Arch Pharmaceuticals, Indore) भी बैन या रिकॉल हो चुके हैं।

5 राज्यों में बैन: तमिलनाडु ने नोटिस, MP में विशेष सावधानी (

Syrup Ban States: मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु और पंजाब ने इन जहरीले सिरपों की बिक्री और स्टॉक पर तुरंत बैन लगा दिया। तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स को शो-कॉज नोटिस जारी किया, जिसमें 5 दिनों में जवाब मांगा गया। मध्य प्रदेश सरकार ने रिलाइफ और रेस्पिफ्रेस TR पर बैन लगाया और क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट (Chlorpheniramine Maleate) व फेनाइलेफ्रिन HCl (Phenylephrine HCl) जैसे केमिकल्स के इस्तेमाल में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए। नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (NHRC) ने MP, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी कर फर्जी दवाओं की बिक्री पर जांच के आदेश दिए।

याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि CBI को केस सौंपा जाए, क्योंकि राज्य स्तर की जांच में भ्रष्टाचार (Corruption in Drug Probe) की आशंका है। याचिका में रिटायर्ड SC जज की निगरानी में जांच और नेशनल ज्यूडिशियल कमीशन गठन की बात कही गई। मध्य प्रदेश के लीडर ऑफ ऑपोजिशन उमंग सिंघार ने कहा, “मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से 19 बच्चों की किडनी फेलियर से मौत हो गई। यह भ्रष्टाचार और कमीशन का मामला है। न्यायिक जांच होनी चाहिए।” (Umang Singhar Statement)।

यह मामला दवा उद्योग (Pharma Industry Flaws) में गुणवत्ता नियंत्रण की कमियों को उजागर करता है। क्या सुप्रीम कोर्ट CBI जांच का आदेश देगा? केंद्र सरकार की ओर से अभी कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि DEG जैसी जहरीली केमिकल्स का इस्तेमाल रोकने के लिए सख्त नियम जरूरी हैं। क्या यह त्रासदी दवा सुरक्षा कानूनों (Drug Safety Laws) में बदलाव लाएगी?

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