CBDT Income Tax Scrutiny Guidelines 2025 In Hindi: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) की पूर्ण जांच (Complete Scrutiny) के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
ये दिशानिर्देश 13 जून, 2025 को अधिसूचना संख्या F.No.225/37/2025/ITA-II के तहत जारी किए गए, जिनका उद्देश्य कर चोरी को रोकना, उच्च जोखिम वाले लेनदेन की निगरानी करना और कर अनुपालन को बढ़ावा देना है। यह लेख सीबीडीटी के नवीनतम दिशानिर्देशों और उनके प्रभावों पर प्रकाश डालता है।
आयकर जांच क्या है?
पूर्ण जांच (Complete Scrutiny) आयकर रिटर्न की गहन जांच प्रक्रिया है, जिसमें करदाता की आय, कटौतियों, छूटों और अन्य जानकारी की सत्यता की जांच की जाती है। यह प्रक्रिया कर चोरी के संदिग्ध मामलों को लक्षित करती है और कर प्रशासन को पारदर्शी और प्रभावी बनाने में मदद करती है।
CBDT Guidelines 2025-26
सीबीडीटी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निम्नलिखित मामलों को अनिवार्य जांच के लिए चुना है:
सर्वेक्षण मामले (सेक्शन 133A):
1 अप्रैल, 2023 के बाद आयकर अधिनियम की धारा 133A (धारा 133A(2A) को छोड़कर) के तहत किए गए सर्वेक्षण से संबंधित रिटर्न अनिवार्य रूप से जांच के लिए चुने जाएंगे।
प्रक्रिया: इन मामलों को आयकर निदेशालय (सिस्टम्स) द्वारा चुना जाएगा और केंद्रीय प्रभार (Central Charges) को 15 दिनों के भीतर स्थानांतरित किया जाएगा।
खोज और जब्ती मामले (सेक्शन 132/132A):
1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2025 के बीच शुरू की गई खोज या जब्ती कार्रवाइयों से संबंधित मामले।
प्रक्रिया: इन मामलों को प्रिंसिपल आयुक्त/निदेशक की पूर्व प्रशासनिक स्वीकृति के साथ चुना जाएगा और केंद्रीय प्रभार को स्थानांतरित किया जाएगा।
पंजीकरण/अनुमोदन रद्द होने के मामले:
जिन करदाताओं का पंजीकरण या अनुमोदन (जैसे धारा 12A, 12AB, 10(23C), 35(1)(ii)/(iii)) 31 मार्च, 2024 तक रद्द या अस्वीकृत हो चुका है, लेकिन वे ITR-7 में कर छूट का दावा कर रहे हैं।
प्रक्रिया: ऐसे मामले आयकर निदेशालय (सिस्टम्स) द्वारा चुने जाएंगे।
कर चोरी की विशिष्ट जानकारी:
यदि किसी कानून प्रवर्तन या नियामक एजेंसी (जैसे जांच विंग, खुफिया एजेंसी) द्वारा कर चोरी की विशिष्ट जानकारी प्रदान की जाती है और संबंधित मूल्यांकन वर्ष के लिए रिटर्न दाखिल किया गया है, तो ऐसे मामले जांच के लिए चुने जाएंगे।
प्रक्रिया: क्षेत्रीय मूल्यांकन अधिकारी (AO) प्रिंसिपल आयुक्त की स्वीकृति के साथ सूची तैयार करेंगे, जिसे आयकर निदेशालय (सिस्टम्स) को भेजा जाएगा।
पुनरावर्ती मुद्दों पर अतिरिक्त आय:
यदि पिछले मूल्यांकन वर्षों में किसी कानूनी या तथ्यात्मक मुद्दे पर 20 लाख रुपये से अधिक की आय जोड़ी गई है और यह अपील में बरकरार है, तो ऐसे मामले जांच के लिए चुने जाएंगे।
प्रक्रिया: क्षेत्रीय AO सूची तैयार करेंगे और NaFAC (नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर) को भेजेंगे।
क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित कर चोरी:
सीबीडीटी ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के माध्यम से कर चोरी और अघोषित आय के मनी लॉन्ड्रिंग पर विशेष ध्यान दिया है। ऐसे मामलों की सक्रिय जांच की जा रही है।
जांच की प्रक्रिया और समय-सीमा
नोटिस जारी करने की समय-सीमा: वित्तीय वर्ष 2024-25 में दाखिल ITR के लिए धारा 143(2) के तहत नोटिस 30 जून, 2025 तक जारी किया जाना चाहिए।
प्रशासनिक स्वीकृति: सभी मामलों में प्रिंसिपल आयुक्त/निदेशक की पूर्व स्वीकृति अनिवार्य है।
NaFAC की भूमिका: गैर-खोज मामलों को NaFAC के माध्यम से संसाधित किया जाएगा, जबकि अंतरराष्ट्रीय कराधान और केंद्रीय प्रभार अपने अधिकार क्षेत्र में मामलों को संभालेंगे।