सावधानी ही सुरक्षा है: ऐसे समझें डिजिटल फ्रॉड और फेक न्यूज़ को

डिजिटल युग ने जहां हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, वहीं साइबर अपराध और गलत सूचना यानी फेक न्यूज़ जैसी समस्या रूपी चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। आज जब अधिकतर काम ऑनलाइन हो रहे हैं जैसे खरीदारी हो या बैंकिंग, या ऑफलाइन कोई भी काम सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ तक हम डिजिटल मीडिया में इन्वॉल्व होते हैं ऐसे में डिजिटल फ्रॉड और फेक न्यूज़ से सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है। इस लेख में कुछ ऐसी ही सावधानियां हैं जिन्हें हम न सिर्फ समझेंगे बल्कि ये जानते हुए कि डिजिटल फ्रॉड और फेक न्यूज़ आखिर क्या होते हैं? ये कैसे फैलते हैं ? और इनसे कैसे बचा जाए।

पहले जानें कि क्या है डिजिटल फ्रॉड | Digital Fraud Kya Hai

यहां हम इस बिल्कुल सामान्य तरह से ये कहते हैं कि इसका का अर्थ है इंटरनेट या किसी डिजिटल माध्यम से किसी को धोखा देना। इसके अंतर्गत पैसे की ठगी, पहचान की चोरी या संवेदनशील डेटा को चुराना , उसके साथ छेड़छाड़ करना भी शामिल होता है लेकिन ये विभिन्न प्रकार से हो सकता है उसे बिल्कुल अलग और विस्तृत तरीके से पढ़ना होगा जो कुछ इस प्रकार हैं।

फिशिंग (Phishing) | Phishing Kya Hai

नकली ईमेल, वेबसाइट या मैसेज के माध्यम से आपके बैंक अकाउंट,पासवर्ड या OTP जैसी जानकारी चुराना। फर्जी कॉल या मैसेज में खुद को बैंक अधिकारी बताकर जानकारी मांगना। नकली ई-कॉमर्स या लोन ऐप्स के ज़रिए धोखाधड़ी करना।

QR कोड को लेकर धोखाधड़ी | QR Code Scan Scam

दूसरा डिजिटल मीडिया में क्यू-आर कोड को लेकर भी बहुत फ्रॉड किए जा रहे हैं खासकर स्कैनिंग के लिए फर्जी QR कोड भेजा जाता है और फिर इसी से पैसा आपके अकाउंट से निकल जाता है।

फेक न्यूज़, आखिर क्या है ?

फेक न्यूज का सीधा संबंध किसी झूठी, भ्रामक या अधूरी जानकारी को सच बताकर फैलाना है। इस तरह का मकसद उन खबरों  के माध्यम से भ्रम फैलाना, नफरत भड़काना, या राजनीतिक/धार्मिक लाभ उठाना होता है । फ़ेंक न्यूज़ का असल उदाहरण,सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर,अधिकतर किसी भी लेटेस्ट मुद्दे के लिए मनगढ़ंत कहानी,एडिट विडियो के साथ देखी जा सकती हैं हमें चाहिए कि किसी भी बड़ी खबर या मुद्दे पर पहले स्वयं को संतुष्ट करने सच्चाई पता करें किसी अन्य की ख़बरों को अपडेट या किसी को फॉरवर्ड न करें।

डिजिटल फ्रॉड या फ़ेंक न्यूज़ के प्लेटफार्म और तत्व

  • सोशल मीडिया में फेसबुक,व्हाट्सएप,यू-ट्यब,इंस्टाग्राम,
  • एडिट की गई तस्वीरें या वीडियो भ्रामक हेडलाइंस।

कैसे पहचानेंगे डिजिटल फ्रॉड को ?
बैंक या किसी सरकारी संस्था की ओर से कॉल आने पर OTP या पासवर्ड कभी भी साझा न करें।
वेबसाइट का URL देखें जो https से शुरू होनी चाहिए।
मुफ्त इनाम या लॉटरी के मैसेज से  हमेशा सावधान रहें।
गूगल प्ले स्टोर/एप स्टोर के बाहर से ऐप कभी भी डाउनलोड न करें।
QR कोड स्कैन करने से पहले उसके स्रोत की पुष्टि करलें।

इस तरह करें फ़ेंक न्यूज़ की पहचान

  • खबर का स्रोत देखें – क्या वह कोई भरोसेमंद मीडिया हाउस है या नहीं ?
  • खबर की तिथि और समय जांचें और नोटिस।
  • फोटो या वीडियो को गूगल रिवर्स इमेज़ सर्च से जांचें।
  • खबर किसी एक पक्ष या समुदाय को निशाना बना रही हो, ऐसी स्थिति में सावधान रहें।
  • “ब्रेकिंग न्यूज़” या “तुरंत शेयर करें” जैसे वाक्य अक्सर फेक न्यूज़ में ही होते हैं।

इनसे सेफ रहने के लिए साइबर सेफ्टी टिप्स अपनाइए
दो-चरणीय सत्यापन टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन ऑन करें।
मजबूत पासवर्ड बनाएं और इसे नियमित रूप से बदलते रहें। पब्लिक वाई-फाई पर बैंकिंग या शॉपिंग न करें ।

आल्ट न्यूज़ Alt News, बूम लाइव Boom Live, व फैक्टली Factly जैसी वेबसाइटों से जानकारी सत्यापित करें। बिना पुष्टि किए किसी खबर या तस्वीर को शेयर न करें।

विशेष :- डिजिटल दुनिया हमारी जिंदगी की सहूलियत बढ़ाने के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां हम जागुरता और सतर्कता से बड़ी सरलता से कम समय में एक बड़ी व्यवस्था और पहचान बना सकते हैं। डिजिटल दुनिया में अवसर हैं तो खतरे भी हैं। डिजिटल फ्रॉड और फेक न्यूज़ से बचना केवल तकनीकी ज्ञान से नहीं, बल्कि समझदारी और सतर्कता से ही संभव है। इसलिए खुद जागरूक रहें और दूसरों को भी सतर्क करें और जागरूक बनाएं यही डिजिटल सुरक्षा की पहली सीढ़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *