मणिपुर में जातीय हिंसा ‘आतंकवाद’ नहीं है: अमित शाह

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मणिपुर जातीय हिंसा आतंकवाद नहीं है। उन्होंने बातचीत के जरिए मतभेदों को सुलझाने की जरूरत पर जोर दिया।

देश के केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने इन दावों को खारिज कर दिया कि मणिपुर जातीय हिंसा आतंकवाद है। उन्होंने कहा कि मई 2023 में हुए मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा ‘आतंकवाद’ नहीं था।

श्री शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमारी सरकार ‘संवाद और सहानुभूति’ के माध्यम से दो समुदायों के बीच ‘मतभेदों’ को हल करने की कोशिश कर रही है।

चुंकि हमारी चुनाव के बाद यह प्राथमिकता होगी कि हम दोनों पक्षों के साथ चर्चा करें और एक सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेंगे। अमित शाह ने साक्षात्कार में कहा पड़ोसी देश म्यांमार की स्थिति ने हमारी समस्या थोड़ी बढ़ा दी है। परंतु हमने सीमा पर बाड़ लगाने और भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था (AMR) को विनियमित करने जैसे कदम उठाए हैं।

बता दें कि मणिपुर में एक साल पहले कुकी ज़ो और मैतेई स्वदेशी समुदायों के बीच झड़पें शुरू हुईं थी। अभी भी मणिपुर छोटी-मोटी घटनाओं से तनाव में है। लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर दोनों समूहों के बीच छिटपुट झड़पें को रोकने का प्रयास कर रही हैं। इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियों को पिछले साल हिंसा के दौरान लूटे गए सभी आग्नेयास्त्रों को बरामद करना अभी बाकी है। इस हिंसा में 200 लोग मारे गए थे और 60,000 लोग विस्थापित हुए थे।अधिकारियों के रिपोर्ट के मुताबिक़ मणिपुर में अशांति के बाद 50 हज़ार से अधिक आम लोग राहत शिविरों केंद्र में रह रहे हैं।

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