Kris Gopalakrishnan : इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। बेंगलुरु के सिविल और सत्र न्यायालय के निर्देश पर सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में क्रिस गोपालकृष्णन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। क्रिस गोपालकृष्णन के अलावा भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक बलराम और 16 अन्य लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। क्रिस गोपालकृष्णन और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति का नाम डी सना दुर्गाप्पा है।
कौन हैं डी सना दुर्गाप्पा जिन्होंने Kris Gopalakrishnan पर गंभीर आरोप लगाए हैं?
क्रिस गोपालकृष्णन के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने वाले दुर्गाप्पा भारतीय विज्ञान संस्थान के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज में प्रोफेसर थे। दुर्गाप्पा का आरोप है कि उन्हें नौकरी से निकलवाने के लिए पहले फर्जी हनी ट्रैप में फंसाया गया। जातिवादी टिप्पणी कर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उनका आरोप है कि जातिवादी टिप्पणी कर उनका अपमान भी किया गया। 2014 में उन्हें हनी ट्रैप में फंसाया गया था। डी सना दुर्गाप्पा कर्नाटक के भोवी या बोवी समुदाय से हैं, जो अनुसूचित जाति है।
क्यों दर्ज किया गया Kris Gopalakrishnan के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला ?
क्रिस गोपालकृष्णन इंफोसिस के सह-संस्थापक हैं। वह भारतीय विज्ञान संस्थान के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य भी हैं। प्रोफेसर डी सना दुर्गाप्पा का आरोप है कि 2014 में उन्हें फर्जी हनी ट्रैप में फंसाकर नौकरी से निकाल दिया गया था। इसी वजह से अब उन्होंने आगे आकर मामला दर्ज कराया है। उनका कहना है कि संस्थान में जातिवादी टिप्पणी कर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। दुर्गाप्पा ने भारतीय विज्ञान संस्थान के सभी शीर्ष अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है।
भोवी या बोवी समुदाय क्या है? Kris Gopalakrishnan
भोवी समुदाय कर्नाटक की अनुसूचित जाति है। भोवी समुदाय के लोगों को बोवी, बयार, भोई के नाम से भी जाना जाता है। इस समुदाय को बहुत पिछड़ा माना जाता है। प्राचीन समय में भोवी समुदाय के लोग पालकी ढोने और खेतों में मजदूरी करने का काम करते थे। ऐसा माना जाता है कि भोवी नाम का एक राजा था, जिसके नाम पर इस जनजाति का नाम रखा गया है। वह दक्षिण पूर्वी भारत पर शासन करता था। उनके पास कुआं खोदने की भी अनूठी परंपरा थी। भोवी समुदाय भगवान शिव का उपासक है। इस जाति में पुरुषों का वर्चस्व है। समुदाय में अभी भी शिक्षा का अभाव है और पांच प्रतिशत से भी कम आबादी स्नातक तक शिक्षित है।
एससी/एसटी एक्ट क्या है जिसके तहत मामला दर्ज किया गया है?
भारतीय संसद ने देश के पिछड़े समुदायों अनुसूचित जाति और जनजातियों को अत्याचारों से बचाने के लिए एक कानून बनाया है, जिसे एससी/एसटी एक्ट कहा जाता है। अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में पारित किया गया है। अगर किसी व्यक्ति के साथ उसकी जाति के आधार पर दुर्व्यवहार होता है, तो वह इस अधिनियम का सहारा लेकर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। इस अधिनियम में व्यवस्था की गई है कि देश में कोई भी व्यक्ति छुआछूत जैसा व्यवहार नहीं कर सकता।
इस अधिनियम में 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। Kris Gopalakrishnan
अगर इस एक्ट के तहत कोई मामला दर्ज होता है तो अपराध को संज्ञेय माना जाता है और यह गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आता है। यह एक्ट 30 जनवरी 1990 से देश में लागू है। इस एक्ट में उन सभी आचरणों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जिनके जरिए किसी व्यक्ति को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा सकता है। अपराध साबित होने पर छह महीने से लेकर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। जुर्माने का भी प्रावधान है। अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और इस एक्ट के तहत मामला दर्ज होता है तो मौत की सजा का भी प्रावधान है।
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