Cannes Film Festival के समापन के साथ इस बार भारत के नाम कई अवार्ड्स आये हैं.इसमें महिलाओं ने बाजी मारी है. जहाँ पहली बार किसी भारतीय एक्टर ने बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड जीता है.हम बात कर रहे हैं कोलकाता की अनुसूया सेन गुप्ता की वहीँ मुंबई की पायल कपाड़िया ने Cannes Film Festival का दूसरा सबसे बड़ा अवार्ड Grand Prix – Jury Prize अपने नाम कर लिया है.ये अवार्ड पाने वाली पायल कबाड़िया भारत की पहली महिला फिल्ममेकर हैं.
आठ मिनट तक फिल्म को मिला स्टैंडिंग ओवेशन पायल कपाड़िया को ये अवार्ड उनकी फिल्म All We Imagine as Light के लिए मिला है.23 मई को कांन्स फिल्म फेस्टिवल में जब पायल की फिल्म प्रदर्शित की गयी तब 8 मिनट तक फिल्म को स्टैंडिंग ओवेशन मिला था.फिल्म में कनी कुश्रुति, दिव्या प्रभा, छाया कदम, ऋधु हरूण और अज़ीस नेदुमंगड़ जैसे एक्टर्स ने काम किया है. इस मलयालम हिंदी फीचर फिल्म की कहानी दो नर्सों के इर्द गिर्द घूमती है.फिल्म महिलाओं,उनकी ज़िन्दगी और उनकी आज़ादी जैसे संवेदनशील मुद्दों को छूती है.
कौन हैं पायल कपाड़िया? पायल कपाड़िया मुंबई की रहने वाली हैं.अपनी स्कूलिंग इन्होने आंध्र प्रदेश से की. बाद में हायर एजुकेशन के लिए इन्होने मुंबई के सेंट ज़ेवियर कॉलेज़ से इकोनॉमिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की.मास्टर्स की पढ़ाई के बाद पायल ने पुणे के प्रतिष्ठित संस्थान फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया[FTII] से फिल्म डायरेक्शन की पढ़ाई की.
साल 2021 में भी कांन्स में अवार्ड जीत चुकी हैं पायल– इससे पहले भी पायल को कांन्स फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री ए नाईट ऑफ़ नोइंग नथिंग के लिए गोल्डन आई अवार्ड मिल चुका है.पायल ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत शार्ट फिल्म्स से की थी.उन्होंने सबसे पहले साल 2014 में Watermelon, Fish and Half Ghost बनाई थी.पायल के द्वारा बनाई गयी फिल्मों के नाम इस तरह हैं-
Watermelon,Fish and Ghost
The Last Mango Before the Monsoon
Afternoon Clouds
And What is The Summer Saying
A Night of Knowing Nothing
All We Imagine As Light