एमपी। हर ज़िले में कैंसर देखभाल केंद्र स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया गया है, जिससे कैंसर डायग्नोसिस और उपचार की सुविधा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को मिल सकेगी। राज्य सरकार भी इन केंद्रों को स्थापित करने के लिए प्राथमिकता दे रही है। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सिविल डिस्पेंसरी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सिविल अस्पतालों में सर्वाइकल कैंसर की वीआईए जांच निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इस जांच को प्रत्येक पांच वर्ष में कम से कम एक बार करवाना आवश्यक है। जिला अस्पतालों में बायोप्सी सैंपलिंग और मेडिसिन कीमोथेरेपी की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
कैंसर के ईलाज सुविधा का हो रहा विस्तार
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवाओं का विकेंद्रीकरण सुनिश्चित करते हुए कैंसर के इलाज को मेडिकल कॉलेजों और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसी संस्थाओं में सुलभ बनाया है। पहले जहां कैंसर का उपचार केवल निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध था, अब राज्य के विभिन्न जिलों में, सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में उन्नत कैंसर उपचार सुविधाएं उपलब्ध हैं।
भरवाएं जा रहे फॉर्म
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर कैंसर सहित असंचारी रोगों की पहचान के लिए सीबैक फॉर्म भरवाए गए हैं। जिसके आधार पर एनसीडी पोर्टल के माध्यम से मरीजों का उपचार एवं फॉलोअप सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज, हाईपरटेंशन और कैंसर जैसे असंचारी रोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, इसलिए इनकी समय पर पहचान और समुचित उपचार आवश्यक है।