Prime Minister Narendra Modi G-7 Summit News In Hindi: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने फोन करके भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को, कनाडा में आयोजित G-7 समिट में शामिल होने के लिए बुलाया है। जिसकी जानकारी स्वयं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया X के एकाउंट पर एक पोस्ट करके दी। सदस्य ना होने के बाद भी G-7 से आमंत्रण भारत की विश्व जगत में बढ़ती हुई महत्वपूर्ण भूमिका और उसके महत्व को रेखांकित करता है।
क्या है G-7
G-7 यानी “ग्रुप ऑफ सेवन” विश्व के सात प्रमुख विकसित देशों का एक समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। यह एक अनौपचारिक मंच है, जहां ये देश वैश्विक आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। यूरोपीय संघ भी G-7 शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लेता है। G-7 की स्थापना 1975 में हुई थी, और इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों जैसे आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा, और अभी हाल के वर्षों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे नए क्षेत्रों पर सहयोग को बढ़ावा देना है।
G-7 का सदस्य नहीं है भारत
G-7 शिखर सम्मेलन हर साल आयोजित होता है, जिसमें सदस्य देशों के नेता वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं। इसके अलावा, गैर-सदस्य देशों और संगठनों को भी “आउटरीच पार्टनर” के रूप में आमंत्रित किया जाता है, खासकर उन देशों को जो वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत G-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में इसे नियमित रूप से शिखर सम्मेलन में अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया जाता रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को G-7 में आमंत्रण
2025 में कनाडा में होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन (15-17 जून, कनानास्किस, अल्बर्टा) के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने आमंत्रित किया है। इसकी जानकारी पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद सोशल मीडिया एकाउंट X से पोस्ट के माध्यम से दी है, जिसमें उन्होंने कार्नी को उनकी चुनावी जीत के लिए बधाई दी और कहा कि उन्हें G-7 समिट में कार्नी से मुलाकात का बेसब्री से इंतजार है।
भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण होगा G-7
यह आमंत्रण भारत-कनाडा संबंधों में सुधार का संकेत माना जा रहा है, जो 2023 में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद तनावपूर्ण हो गए थे। तब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत और भारतीय खुफिया एजेंसियों पर निज्जर की हत्या के साजिश का आरोप लगाया था। लेकिन भारत सरकार ने कनाडा के तत्कालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो के इन आरोपों को “निराधार” बताया था। इसके बाद ही भारत और कनाडा के संबंध तेजी से बिगड़ने लगे थे। लेकिन कनाडा में आयोजित 2025 के G-7 में भारतीय प्रधानमंत्री की भागीदारी भारत-कनाडा संबंधों में सुधार और वैश्विक मुद्दों पर भारत की सक्रिय भूमिका को और मजबूत करेगा।
2019 से नियमित भारत की भागीदारी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 से लगातार G-7 शिखर सम्मेलनों में भाग लेते रहे हैं, जब फ्रांस ने उन्हें पहली बार आमंत्रित किया था। यह भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक और कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है। प्रधानमंत्री 2024 के इटली G-7 शिखर सम्मेलन में भी इटालियन प्रधानमंत्री जॉर्ज मेलोनी के आमंत्रण पर शामिल हुए थे। जहाँ उन्होंने AI, ऊर्जा, अफ्रीका, और भूमध्यसागरीय क्षेत्र जैसे विषयों पर चर्चा की थी। इसके साथ ही कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से द्विपक्षीय मुलाकात भी की थी।
क्यों आमंत्रित किया जाता है भारत को
भारत जल्द ही जापान को पछाड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। यह G-7 देशों के लिए भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार बनाता है। इसके अलावा भारत का वैश्विक प्रभाव भी है। भारत की मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था और वैश्विक दक्षिण केनेतृत्व के रूप में उसकी भूमिका G-7 देशों के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर रूस-यूक्रेन संघर्ष और चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच में।