Himachal Pradesh Political Crisis Live Updates: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में गहमागहमी के बीच विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 कांग्रेसी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है। उन्हें पार्टी व्हिप के उल्लंघन का दोषी माना गया है। स्पीकर कुलदीप पठानिया ने कहा, “सरकार को जनादेश मिला। जनता ने 5 साल के लिए सरकार चुनी और ये लोग आया राम, गया राम की पॉलिटिक्स कर रहे हैं। और ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। इन लोगों ने खुद एंटी डिफेक्शन लॉ को न्योता दिया।”अयोग्य करार दिए गए विधायकों में सुजानपुर से राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो, बड़सर से आईडी लखनपाल, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर और गगरेट से चैतन्य शर्मा शामिल हैं। इन्होंने पार्टी प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की जगह भाजपा के हर्ष महाजन को वोट दिया है। इससे सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए।
Himachal Politics: उधर, सरकार गिरने और मुख्यमंत्री की कुर्सी छिनने की चर्चाओं के बीच CM सुखविंदर सुक्खू (CM Sukhwinder Sukhu) ने गुरूवार सुबह विधायकों को ब्रेकफास्ट पर सरकारी आवास में बुलाया था। सुबह साढ़े 9 बजे का समय दिया गया था।अभी तक मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विक्रमादित्य सिंह नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने इस्तीफे के बाद कहा था कि इस पर फैसला हाईकमान के ऑब्जर्वर लेंगे। इतना जरूर है कि वे अपने इस्तीफे को आगे नहीं बढ़ाएंगे।
ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स में क्या होगा?
अब अगर सुक्खू की ब्रेक फास्ट पॉलिटिक्स में कांग्रेस के मौजूदा सभी 34 विधायक शामिल होते हैं ऐसी स्थिति में सुक्खू को हटाने की हिम्मत पार्टी नेतृत्व नहीं जुटा पाएगा। ऐसे में जो बागी बीजेपी के साथ गए हैं उनकी सदस्यता अगर रद्द होती है तो फिर सदन 68-6=62 का होगा तब बहुमत के लिए 32 चाहिए कांग्रेस के पास 34 हैं ऐसे में बीजेपी की सारी प्लानिंग फेल हो जायेगी। बागी न घर के रहेंगे न घाट के। सुक्खू सीएम बने रहेंगे। और सरकार चलती रहेगी। ऐसा तब जब सभी 34 साथ रहे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास क्या ऑप्शन है?
ऐसे या वैसे सुक्खू चाहें तो नीतीश +शिंदे मॉडल के कॉकटेल से सीएम बने रह सकते हैं। 10 बजे तक कुल 12 विधायक नाश्ता करने पहुंचे हैं। मान लीजिए आंकड़ा इतना ही रह जाता है। ऐसी स्थिति में सुक्खू को कांग्रेस हटा सकती है। लेकिन सुक्खू चाहें तो अपनी अलग कांग्रेस बना सकते हैं। क्योंकि कांग्रेस में टूट के लिए इतने ही 13 विधायक चाहिए। ऐसी स्थिति में बीजेपी चाहे तो सुक्खू को समर्थन देकर शिंदे मॉडल पर अपनी सरकार बना सकती है। सुक्खू सीएम बने रहेंगे, बीजेपी सत्ता में आ जाएगी। सुक्खू के 13 प्लस बीजेपी के 25 कुल 38। रही बात बीजेपी को वोट देने वाले 6 बागी विधायकों की तो राजनीति में यूज एंड थ्रो सामान्य प्रक्रिया है।