Can Donald Trump Help Gautam Adani : खरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani Case) के ऊपर अमेरिका में केस हो गया है, उनपर अमेरिकी इन्वेस्टर्स से पैसे लेकर भारत के सरकारी अधिकारीयों को घूस देने की कोशिश करने के आरोप लगे हैं. मामला करीब 22 अरब रुपए का है लेकिन अडानी (Adani On Bribe Case) ने इन आरोपों को निराधार करार दिया है. ऐसा कहा जा रहा है कि अडानी को इस केस में फंसाने के पीछे डीप स्टेट (Is Deep State Behind Adani Case) का हाथ है
क्योंकि अडानी, डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के समर्थक हैं और ट्रंप, डीप स्टेट (Deep State) के कट्टर दुश्मन। कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है जैसे ही डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका की कमान (Donald Trump Oath) संभालेंगे वैसे ही अडानी के केस को रफा – दफा कर देंगे। इस लिए नहीं क्योंकी अडानी – ट्रम्प भाई – भाई हैं बल्कि इस लिए क्योंकि जिस कानून के तहत अडानी पर अमेरिकी सरकार ने शिकंजा कसा है वो कानून ट्रंप को कतई पसंद नहीं है.
अडानी पर अमेरिका में क्या केस हुआ है
अडानी पर अमेरिका में FCPA कानून के तहत केस दर्ज हुआ है. (ADANI FCPA Case US) FCPA का मतलब फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट। जिसके तहत अमेरिका की कंपनियां दुनिया के किसी भी देश में किसी को रिश्वत नहीं दे सकती हैं. अडानी पर आरोप यही हैं कि उन्होंने इन्वेस्टमेंट के लिए मांगे पैसों से भारत के अधिकारीयों को घूस दी है. अमेरिका में ये पता नहीं होगा कि भारत में राशन कार्ड से लेकर टेंडर लेने तक बिना दक्षिणा चढ़ाए काम नहीं होता, यहां आदमी लोन लेता है तो लोन पाने के लिए भी रिश्वत देता है. खैर डोनाल्ड ट्रम्प को ये FCPA कानून पसंद नहीं है.
FCPA के खिलाफ हैं ट्रंप
Is Trump Against FCPA : ट्रम्प का कहना है कि इस कानून के कारण अमेरिकी कंपनी दूसरे देशों में बिज़नेस ग्रोथ नहीं कर पाती हैं. एक बार ट्रम्प ने बयान भी दिया था कि ये गलत बात है कि अमेरिकी कंपनियां विदेशों में बिज़नेस करने के लिए रिश्वत नहीं दे सकती हैं, 2017 में भी ट्रंप ने तत्कालीन विदेश मंत्री से कहा था कि मैं FCPA को खत्म करने के लिए आपकी मदद चाहता हूं, ट्रंप ने 2019 में इस कानून को खत्म करने के लिए मसौदा भी तैयार कर लिया था लेकिन 2019 में वो चुनाव हार गए और FCPA खत्म नहीं हो पाया।
क्या अडानी की मदद करेंगे ट्रंप
Will Trump Help Adani : वैसे ट्रंप अगर FCPA कानून को खत्म भी कर दें तो अडानी मामले में कोई मदद नहीं कर सकते। क्योंकी अमेरिका में चाचा विधायक हैं हमारे वाला कानून नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति के पास कोर्ट से जारी वांरट को रद्द करने का पलटने का अधिकार नहीं होता है, खुद बाइडेन के बेटे पर ही राष्ट्रपति रहते मुकदमा चल गया था और उनका लड़का दोषी पाया गया था. इसी लिए ट्रम्प अडानी की अदालती कार्रवाई को रोक नहीं सकते हैं, मगर संघीय अपराधों के लिए माफ़ी जरूर दे सकते हैं वो भी तब जब व्यक्ति के खिलाफ जाँच न चल रही हो.
अमेरिका में न्याय व्यवस्था पारदर्शी है, वहां का कानून देख सकता है. अमेरिका में सरकार कानूनी कामों में दखल नहीं देती है, अगर कोई राष्ट्रपति किसी व्यक्ति के लिए जज पर दवाब बनाए तो जज उसके बाद भी वही करेगा जो कानून कहता है चाहे छोटे स्तर का जज ही क्यों न हो. लेकिन ऐसी सम्भावना है कि ट्रंप इस मामले में अडानी को बचाने के लिए थोड़ा बहुत प्रयास जरूर करेंगे।
ट्रंप अडानी की मदद कैसे कर सकते हैं ?
How Donald Trump Can Help In Adani Bribe Case : ट्रंप के पास अडानी की मदद करने के लिए एक रास्ता है, वो चाहें तो FBI से इस केस को पीछे खींचने के लिए कह सकते हैं , वो उनके कंट्रोल में हैं. इसके अलावा अगर ट्रंप FCPA कानून में अपने अनुसार बदलाव कर दें तो अडानी को थोड़ी राहत मिल सकती है. लेकिन FCPA कानून में बदलाव लाने की प्रोसेस भी बड़ी लम्बी है.
खैर ट्रंप कब FCPA खत्म करेंगे , अडानी की मदद करेंगे या नहीं करेंगे ये सब बाद की बात है. अभी तो आरोपियों को अमेरिकी कोर्ट में पेश होना ही पड़ेगा। मम्मी से जुड़े सभी 7 लोग यानी गौतम अडानी , सागर अडानी , विनीत जैन , रणजीत गुप्ता, सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल , दीपक मल्होत्रा और रुपेश अग्रवाल इन सभी की अमेरिकी कोर्ट में पेशी होगी, फिर इनके सामने ही इनपर लगे आरोपों को सुनाया जाएगा, फिर पुछा जाएगा फिर जज पूछेगा , आरोप सही हैं या नहीं फिर बचाव पक्ष खुद को नॉट गिल्टी बताएगा और तब जूरी के सामने मुकदमा चलेगा। अडानी ग्रुप ने अमेरिकी कोर्ट के आरोप को गलत बताया है इसी लिए अब उन्हें अपनी बेगुनाही के सबूत पेश करने होंगे।