MP: क्या सिर्फ वीआईपी को है महाकाल के गर्भगृह में जाने का अधिकार?

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Can we have darshan from the sanctum sanctorum of Mahakal: हाल ही में उज्जैन उत्तर से विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा भगवान महाकाल के गर्भगृह में पहुंचे थे. गर्भगृह में उनकी मौजूदगी ने ये जाहिर कर दिया है कि महाकाल में वीआईपी के लिए कोई नियम नहीं है. दरअसल महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने 4 जुलाई 2023 से मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया था। इसमें यह कहा गया था कि केवल पंडे, पुजारी ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं.

Who can enter the sanctum sanctorum of Mahakaal: वैसे तो देशभर के साधु-संतों का यही कहना है कि भगवान सबके हैं. उनके लिए कोई भक्त अमीर और गरीब नहीं होता है. सब प्रभु की नजर में एक समान होते हैं. लेकिन भगवान महाकाल के मंदिर में इससे उलट ही काम हो रहे हैं. जो जितना पावरफुल होगा उसे उतने ही करीब से बाबा के दर्शन मिलेंगे। ऐसा बाबा महाकाल के भक्तों का कहना हैं.

हाल ही में उज्जैन उत्तर से विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा भगवान महाकाल के गर्भगृह में पहुंचे थे. गर्भगृह में उनकी मौजूदगी ने ये जाहिर कर दिया है कि महाकाल में वीआईपी के लिए कोई नियम नहीं है. दरअसल महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने 4 जुलाई 2023 से मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया था। इसमें यह कहा गया था कि केवल पंडे, पुजारी ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं. इसके बाद से आम श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाए लेकिन वीआईपी के लिए ये नियम कोई मायने नहीं रखते हैं.

क्यों उठा यह मामला?

Entry into the sanctum sanctorum of Mahakal is prohibited: दरअसल शनिवार, 10 अगस्त को विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा भगवान महाकाल के गर्भगृह में दर्शन के पहुंचे गए थे. इसका फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ. इसके बाद आम श्रद्धालुओं ने जमकर नाराजगी जताई। जब इस पर मंदिर प्रशासक मृणाल मीणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंदिर प्रबंध समिति ने गर्भगृह में प्रवेश पर पाबंदी का नियम लागू किया है. मंदिर की ओर से किसी को अनुमति नहीं दी गई थी.

जानें कब-कब तोड़े गए गर्भगृह में प्रवेश के नियम

वैसे तो महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने सभी के लिए यही नियम बनाएं हैं कि गर्भगृह में कोई प्रवेश नहीं करेगा। लेकिन वीआईपी के लिए कोई नियम नहीं हैं। विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा एकमात्र ऐसे नहीं हैं जिन्होंने गर्भगृह से बाबा के दर्शन किए. उनसे पहले भी कई नेता और अधिकारियों ने इस नियम को तोड़कर गर्भगृह में दर्शन करने पहुंचे। 12 मार्च 2023 को इंदौर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला अपने बेटे के साथ भस्मआरती के के दौरान गर्भगृह में जा पहुंचे थे.

इसके बाद 5 अप्रैल 2023 को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला गर्भगृह में पूजन-अर्चन करने पहुंच गए. इसके अलावा 1 दिसंबर 2023 को दो एडिशनल एसपी जयंत राठौर और गुरुप्रसाद पराशर ने गर्भगृह में प्रवेश कर पूजा की. जब इस बारे में कलेक्टर से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा था कि किसी को गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. मंदिर सुरक्षाकर्मी, पुजारी और कर्मचारी बाहर खड़े होकर सब देख रहे थे.

आम श्रद्धालुओं में नाराजगी

भगवान महाकाल के गर्भगृह में नेताओं और अधिकारियों के प्रवेश से आम श्रद्धालुओं ने नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि भगवान तो सबके हैं फिर अलग-अलग तरीके से दर्शन क्यों? आम श्रद्धालु तो 50 फ़ीट की दूरी से दर्शन करते हैं फिर नेताओं और अधिकारियों को क्यों गर्भगृह में प्रवेश दिया जाता है? कई श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रबंध समिति पर भी सवाल उठाया। भक्तों के कहना है कि जब एक आम श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने जाता है तो उसे एक मिनट भी नहीं टिकने दिया जाता है. सुरक्षाकर्मी यही कहते आगे बढ़ा देते हैं कि आगे चलो भीड़ मत लगाओ। ऐसे में कई बार भगवान के दर्शन भी नहीं हो पाते हैं।

वहीं इस मामले पर उज्जैन से कांग्रेस पार्षद माया राजेश त्रिवेदी ने मंदिर प्रबंध समिति को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायक, मंत्री गर्भगृह में प्रवेश कर रहे हैं. बाकी विपक्ष के विधायक, नेता और आम श्रद्धालु 80 फीट दूर से दर्शन करते हैं. यहां भी दलगत आधार पर भेदभाव किया जा रहा है.

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