एनसीएलटी ने मंगलवार 16 जुलाई को बायजू के खिलाफ दिवालिया कार्रवार्ई शुरू करने की बीसीसीआई की याचिका स्वीकार कर ली थी
एडटेक कंपनी बायजू ने अपने खिलाफ दिवालियेपन की कार्रवाई का विरोध किया है। कंपनी के पूर्व प्रबंधन ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में शिकायत दर्ज कराई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीएलएटी बायजू की अपील पर 22 जुलाई को सुनवाई कर सकता है। दरअसल, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने मंगलवार 16 जुलाई को बायजू के खिलाफ दिवालिया कार्रवार्ई शुरू करने की बीसीसीआई की याचिका स्वीकार कर ली। जानकारी के लिए बता दें पूरा मामला बीसीसीआई की जर्सी के लिए बायजू और बीसीसीआई के बीच स्पॉन्सरशिप डील से संबंधित है।
मामले में अगली सुनवाई 15 नवंबर को
पिछले साल बीसीसीआई ने मूल कंपनी बायजू थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 158 करोड़ रुपये का बकाया वसूलने के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले में अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी। बायजू ने कहा कि वे बीसीसीआई के साथ सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रहे हैं। एनसीएलटी के समक्ष मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी। पिछले साल जनवरी में बायजू ने बीसीसीआई को 143 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी लागू करने की इजाजत दी थी। फिलहाल BYJU’S पर बकाया रकम 158.9 करोड़ रुपये है. 8 सितंबर, 2023 को बीसीसीआई द्वारा दायर मामले की सुनवाई 28 नवंबर को हुई।
चालान का भुगतान करने में विफल
बेंगलुरु में एनसीएलटी पीठ ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि बीसीसीआई और बायजू के बीच इलेक्ट्रॉनिक पत्राचार से यह स्पष्ट है कि थिंक एंड लर्न ने अपने दायित्वों में चूक की है। पीठ ने पंकज श्रीवास्तव को अंतरिम समाधान अधिकारी नियुक्त किया। उन्हें नियुक्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर एक ऋणदाताओं की समिति की स्थापना करनी होगी। जानकारी के मुताबिक, थिंक एंड लर्न भारतीय क्रिकेट टीम के कई अंतरराष्ट्रीय दौरों और सीरीज के बाद बीसीसीआई द्वारा भेजे गए कुल 12 चालान (बिल) का भुगतान करने में विफल रही है। बीसीसीआई ने कहा कि बायजू पहली बार 21 अगस्त 2022 को दिवालिया हो गया।
दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत कंपनी का नियंत्रण अब मौजूदा प्रबंधन से लेकर लेनदारों (जिनका पैसा बकाया है) के पास चला जाएगा। वहीं, कंपनी की दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के दौरान बायजू की कोई भी संपत्ति हस्तांतरित नहीं की जाएगी।