हम आपको यह भी बताना चाहेंगे कि पहली सुनवाई के दौरान एनसीएलटी ने बायजू कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने एडटेक कंपनी बायजू के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने की बीसीसीआई की याचिका स्वीकार कर ली है। यह मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए बायजू और बीसीसीआई के बीच स्पॉन्सरशिप डील से जुड़ा है। पिछले साल बीसीसीआई ने मूल कंपनी बायजू थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 158 करोड़ रुपये का बकाया वसूलने के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले में अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।
बकाया रकम 158.9 करोड़ रुपये
पिछले साल जनवरी में बायजू ने बीसीसीआई को 143 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी लागू करने की इजाजत दी थी। फिलहाल BYJU’S पर बकाया रकम 158.9 करोड़ रुपये है। 8 सितंबर, 2023 को बीसीसीआई द्वारा दायर मामले की सुनवाई 28 नवंबर को हुई। बेंगलुरु में एनसीएलटी पीठ ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि बीसीसीआई और बायजू के बीच इलेक्ट्रॉनिक पत्राचार से यह स्पष्ट है कि थिंक एंड लर्न ने अपने दायित्वों में चूक की है। पीठ ने पंकज श्रीवास्तव को अंतरिम समाधान अधिकारी नियुक्त किया। उन्हें नियुक्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर एक ऋणदाताओं की समिति की स्थापना करनी होगी।
नोटिस जारी कर जवाब मांगा
आदेश में दी गई जानकारी के मुताबिक, थिंक एंड लर्न भारतीय क्रिकेट टीम के कई अंतरराष्ट्रीय दौरों और सीरीज के बाद बीसीसीआई द्वारा भेजे गए कुल 12 चालान (बिल) का भुगतान करने में विफल रही है। बीसीसीआई ने कहा कि बायजू पहली बार 21 अगस्त 2022 को दिवालिया हो गया। कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन या कोई भी निदेशक इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। हम आपको यह भी बताना चाहेंगे कि पहली सुनवाई के दौरान एनसीएलटी ने बायजू कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
हाल ही में निवेश फर्म प्रोसस ने बायजू में अपना निवेश चुकाया है। इसका मतलब यह है कि निवेशक ने मान लिया है कि बायजूस में उसका करीब 4,115 करोड़ रुपये का निवेश डूब गया है। एडटेक कंपनी में उनकी 9.6% हिस्सेदारी थी। निवेशक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।