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नई कार कैश में खरीदें या लोन लेकर, फायदा किसमे हैं? समझें पूरा गणित 

लोगों का सोचना है कि कार को नकद खरीदने में ज्यादा फायदा है क्योंकी Car Loan लेने पर भारी ब्याज देना पड़ता है. 

कार लोन में खरीदें या नकद: लोगों को लगता है कि नई कार को नकद यानी कैश देकर ही खरीदना चाहिए, क्योंकी अगर आप कार लेते वक़्त एक साथ फुल पेमेंट करते हैं तो ब्याज के पैसे भी नहीं देने होते और हर महीने EMI चुकाने की टेंशन भी नहीं होती। लेकिन लोन लेकर कार खरीदने के फायदे कैश पेमेंट से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. आप डाउन पेमेंट के बाद बची हुई रकम का इस्तेमाल सही जगह इन्वेस्ट करके, लोन का ब्याज भी कवर कर सकते हैं और अतिरिक्त मुनाफा भी कमा सकते हैं. 

अगर आपके पास कार खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे हैं, तो आप फुल पेमेंट करने की जगह उन पैसों को जरूरत के वक़्त के लिए बचा सकते हैं या फिर उन पैसों को लिक्विड फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर व्यक्ति के पास कम से कम 6 महीने की इनकम के बराबर एमरजेंसी फंड होना चाहिए।

कार EMI में खरीदें या नकद 

उदाहरण के लिए मान लीजिये कि आप 15 लाख रुपए की एक कार खरीदना चाहते हैं और आपके पास इतने ही पैसे हैं. आप कार खरीदने के लिए फुल पेमेंट करने की जगह 5 लाख रुपए का डाउन पेमेंट कर 10 लाख रुपए को इन्वेस्ट कर सकते हैं. इस समय तो फाइनेंस कंपनियां कार खरीदने पर 100% लोन ऑफर करती हैं आप चाहें तो पूरे 15 लाख रुपए का निवेश करके, कार खरीदने के लिए 15 लाख का लोन ले सकते हैं.

फायदा कैसे होगा

अगर आप 15 लाख रुपए की कार लोन में उठाते हैं और 7 साल के लिए EMI बनवाते हैं तो आपकी EMI 23,755 रुपए की बनेगी और आपको उस कार के लिए टोटल 19,95,397 रुपए चुकाने होंगे. और आप अपनी सेविंग के 15 लाख रुपए अगले सात साल के लिए 12% इंटरेस्ट रेट के हिसाब से जमा करते हैं. तो वही 15 लाख अगले 7 साल में 33,16,022 रुपए बन जाएगा, अगर रेट ऑफ़ इंटरेस्ट 12% की जगह 9% भी मिले तो 7 साल में ये रकम 27,42, 058 रुपए की हो जाएगी. अगर आप 10 लाख ही निवेश करते हैं तो 12% के हिसाब से ये अमाउंट 7 साल बाद 22,10,681 रुपए हो जाएगा. 

तो बताइये क्या करने में ज्यादा फायदा है? जाहिर है फुल पेमेंट करने से बढ़िया ऑप्शन लोन लेकर अपनी सेविंग्स को अच्छा रिटर्न देने वाली बैंक स्कीम में इन्वेस्ट करना फायदेमंद है.

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