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Budget 2026: क्या मैरिड कपल को मिलेगा Joint Tax Return का विकल्प?

Married couple reviewing documents at home, symbolizing joint tax return discussion

Budget 2026: इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सरकार को सुझाव दिया है कि मैरिड कपल को टैक्स रिटर्न फाइलिंग का ज्वाइंट विकल्प दिया जाए. इसके पीछे की वजह यह है कि परिवारों की टैक्स जिम्मेदारी कम हो और टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता बढ़े. अगर सरकार इस प्रस्ताव को अपनाती है, तो सिंगल इनकम वाले परिवारों को खास लाभ मिलेगा और बड़ी संख्या में लोग टैक्स दायरे में आएंगे.

वर्तमान टैक्स व्यवस्था और बदलाव का प्रस्ताव

वर्तमान में भारत में हर व्यक्ति को टैक्स उद्देश्यों के लिए स्वतंत्र माना जाता है. इसका मतलब है कि पति और पत्नी, चाहे उनकी आय कितनी भी हो, अलग-अलग रिटर्न दाखिल करते हैं. ICAI का सुझाव ये है कि शादीशुदा जोड़ों को वैकल्पिक रूप से ज्वाइंट रिटर्न फाइल करने की सुविधा दी जानी चाहिए, इसका फायदा यह होगा कि जोड़े अपनी आय को मिलाकर टैक्स दे सकते हैं और उन्हें जरूरत पड़ने पर पुराने तरीके से अलग रिटर्न फाइल करने की स्वतंत्रता भी रहेगी.

जर्मनी स्पेन में पहले से है ये सुविधा

एक्सपर्ट का मानना है कि ज्वाइंट टैक्सेशन से ना केवल परिवारों पर टैक्स का बोझ कम होगा, बल्कि टैक्स अनुपालन भी बढ़ेगा. कई परिवारों में महिलाएं टैक्स रिटर्न फाइल करने में कम दिलचस्पी दिखाती हैं, लेकिन ज्वाइंट ऑप्शन लागू होने पर उन्हें भी टैक्स लाभ प्राप्त होगा. इस तरह की प्रणाली पहले से यूरोप के कुछ देशों जैसे जर्मनी, स्पेन और पुर्तगाल में सफलतापूर्वक लागू है.

प्रस्तावित टैक्स स्लैब और अतिरिक्त लाभ

ICAI ने मैरिड कपल के लिए टैक्स स्लैब का प्रस्ताव भी रखा है. इसमें ₹6 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं, 6 से 14 लाख पर 5%, 14 से 20 लाख पर 10%, 20 से 24 लाख पर 15%, 24 से 30 लाख पर 20% और 30 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स रखने की सलाह दी गई है. इसके अलावा बता दें सकि बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 6 लाख रुपये और सरचार्ज लिमिट 1 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया है. नई व्यवस्था में पति और पत्नी को स्टैंडर्ड डिडक्शन का काफी फायदा भी मिलेगा.

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