Budget 2024: मोदी कैबिनेट 3.0 के पहले बजट पर विपक्ष आक्रामक , खरगे ने कहा निराशाजनक रहा बजट

Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नें वित्तीय वर्ष 2024 -25 का बजट पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट को अमृत काल का सबसे महत्वपूर्ण बजट बताया था. उन्होंने कहा यह बजट 2047 तक विकसित भारत की आधारशिला रखेंगा। इस बीच समूचा विपक्ष हमलावर है। इस बजट 2024 पर विपक्ष की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बजट को बहुत निराशाजनक बजट करार दिया . किसानों के लिए हम जो अपेक्षा कर रहे थे वो नहीं मिला. रेलवे के लिए कुछ नहीं मिला. रेलवे का हाल तो ऐसा हो गया है कि वो न इधर का रहा ना उधर का. कई राज्यों में आने वाले बाढ़ को लेकर सरकार ने कोई विशेष पैकेज का ऐलान नहीं किया. इनके बजट में एससी-एसटी का नाम ही नहीं है. शायद यह सरकार ने उस वर्ग को सबक सिखाने के लिए नजर अंदाज किया है. आपको बता दे कि खरगे पहले भी सदन में आक्रामक थे.

बजट में कोई विजन नहीं है : ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नें कहा कि यह बजट दिशाहीन है , इसमें कोई विजन नहीं है, सिर्फ राजनीतिक मिशन है , इसमें कोई रोशनी नहीं है , सिर्फ अंधेरा है.ममता ने कहा कि बजट में आम आदमी व गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है। बंगाल के साथ फिर पूरी तरह भेदभाव किया गया है। बंगाल का केंद्र पर 1.71 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है, पर हमारे राज्य को एक रुपया भी बजट में नहीं दिया गया है।

राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस बजट 2024 को ‘कुर्सी बचाओ बजट’ करार दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि इस बजट के जरिए सहयोगियों को खुश रखने की कोशिश की गई है, सहयोगियों से सरकार ने अन्य राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए , बजट के जरिए मोदी सरकार ने मित्रों को खुश करने की कोशिश की है।

मायूस करने वाला बजट : मायावती

मायावती ने इस बजट को मायूस करने वाला बतया है। बसपा चीफ मायावती ने केंद्रीय बजट 2024 पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने लिखा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा.

नई कर व्यवस्था

  • 0-3 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं
  • 3 से 7 लाख की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स
  • 7 से 10 लाख की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स
  • 10-12 लाख की आय पर 15 प्रतिशत टैक्स
  • 12-15 लाख की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स
  • 15 लाख से ज्यादा पर 30 प्रतिशत टैक्स

सस्ते हुए ये सामान

मोबाइल फ़ोन , चार्जर सस्ता करने का एलान किया गया है. चमड़े से बने सामान भी सस्ते होंगे। मछलियां भी सस्ती होंगी। सोने चांदी भी सस्ते होंगे।

कैंसर की तीन दवाओं को भी सस्ता किया जाएंगे।

कुछ बड़े एलान

  • पूर्वोत्तर राज्यों में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित की जाएंगी.
  • बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना तैयार करेंगे
  • सरकार देश के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय सहयोग नीति लाएगी
  • ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान
  • आंध्र प्रदेश को 15,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी
  • सरकार हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर उपलब्ध कराएगी, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा
  • सरकार रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू करेगी
  • पूर्वी क्षेत्र में औद्योगिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव
  • अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे पर हम बिहार के गया में औद्योगिक विकास को समर्थन देंगे. यह पूर्वी क्षेत्र के विकास को गति देगा.
  • हम सड़क संपर्क परियोजनाओं के विकास में भी सहयोग देंगे – पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर राजमार्ग, बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा और बक्सर में गंगा नदी पर 26,000 करोड़ रुपये की लागत से एक अतिरिक्त दो लेन का पुल.

बिहार को क्या क्या मिला ?

  • पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे
  • बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे
  • बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा एक्सप्रेस-वे
  • बक्सर में गंगा नदी पर अतिरिक्त टू-लेन पुल

आंध्र प्रदेश को मिली सौगात

  • अमरावती के विकास के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी. भविष्‍य में और राशि दी जाएगी.
  • विशाखापत्तनम-चेन्नई इंडस्ट्रियल कॉरिडॉर पर कोप्पार्थी नोड और हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरिडॉर पर ओर्वाकल नोड में बिजली, पानी, रेलवे और सड़क के लिए फंडिंग.
  • आर्थिक विकास के लिए पूंजी निवेश के लिए इस वर्ष अतिरिक्त आवंटन प्रदान किया जाएगा.
  • रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तरी तटीय आंध्र के पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी अनुदान प्रदान किया जाएगा.

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