Budget 2024:आर.के. शनमुखम चेट्टी द्वारा 26 नवंबर, 1949 को स्वतंत्र भारत का पहला केंद्रीय बजट पेश किया गया था। वे 1947 से 1949 तक भारत के पहले वित्त मंत्री थे। पर इससे पहले देश का बजट अग्रेजों के समय में स्कॉटिश अर्थशास्त्री ने पेश किया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी। यह बजट अपने आप में बेहत महत्वपूर्ण है. अनुच्छेद 112 के तहत हर वित्तीय वर्ष से पहले वित्त मंत्री को संसद में केंद्रीय या अंतरिम बजट पेश करना होता है. अंतरिम बजट चुनावी साल में पेश किया जाता है. बजट किसी वित्तीय वर्ष में होने वाली आमदनी एवं खर्चो का दस्तावेज होता है. हर साल 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च को समाप्त होता है। भारत सरकार की ओर से बजट पेश करने की शुरुआत 19वीं सदी में ही हो गई थी।
बजट, अंग्रेजी शब्द Budget से आया है. इस शब्द का मतलब किसी प्रशासन की वित्तीय स्थिति से होता है. लेकिन Budget जिस शब्द से बना है, उसका मतलब कुछ और ही है. दरअसल, Budget बना है फ्रेंच के Bougette शब्द से. जबकि Bougette बना है Bouge से, जिसका मतलब होता है चमड़े का ब्रीफकेस.
जेम्स विल्सन ने पेश किया था भारत का बजट
7 अप्रैल 1860 को भारत का पहला बजट पेश किया गया था. यह बजट ईस्ट इंडिया से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री एवं नेता जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश क्राउन के समक्ष भारत का बजट रखा था। केंद्रीय बजट के शुरुआती 30 वर्षों में इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर नाम के शब्द की कोई चर्चा नहीं थी। बजट में यह शब्द पहली बार 20 शताब्दी की शुरुआत में शामिल किया गया।
स्वतंत्र भारत का बजट कब पेश किया गया ?
26 नवम्बर 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया गया। इस बजट को आर के षणमुखम चेट्टी ने सदन में पेश किया था. हालांकि यह एक तरह की समीक्षा रिपोर्ट थी, इसमें कोई नए टैक्स का प्रावधान नहीं था.
इस वैज्ञानिक से है बजट कनेक्शन
माना जाता है कि स्वतंत्र भारत के बजट की परिकल्पना प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने की थी। स्वतंत्र भारत के बजट की अवधारणा उन्होंने ही तैयार की थी। वे एक भारतीय वैज्ञानिक थे। उन्होंने लन्दन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से भौतिकी और गणित दोनों विषयों से डिग्री हासिल की थी। वे भारत के योजना आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं।
सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड किसके नाम ?
यह रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम पर है, जिन्होंने 1962-69 के बीच वित्त मंत्री रहते हुए सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किया। इसके बाद पी चिदंबरम (नौ), प्रणब मुखर्जी (आठ), यशवंत सिन्हा (आठ) और मनमोहन सिंह (छह) आते हैं।
ब्लैक बजट कब पेश किया गया ?
1973-74 के बजट को देश का ‘ब्लैक बजट’ कहा जाता है। इसे तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत राव बी चव्हाण ने पेश किया था। यह बजट 550 करोड़ रुपये के घाटे का था। यह उस समय तक का सबसे बड़ा बजट घाटा था। इस बजट पर वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध और खराब मानसून का असर दिखा था।
जब बजट पेश करने का समय बदला गया
पहले देश का केंद्रीय बजट सदन में शाम पांच बजे से पेश किया जाता था। शाम पांच बजे बजट पेश करने का कारण यह था कि उस समय ब्रिटेन में 11.30 बज रहे होते थे। ब्रिटिश सरकार की तरफ से शुरू की गई परंपरा को आजादी के बाद भी निभाया जाता रहा। यशवंत सिन्हा ने 2001 में इसमें बदलाव किया। आगे चलकर मोदी सरकार ने हर साल 28 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट को एक फरवरी को पेश करना शुरू किया।
क्या है हलवा सेरिमनी ?
जब बजट छप जाता है और सील किया जाता है उस दौरान वित्त मंत्री और बजट से जुड़े कर्मी एक खास रश्म में शामिल होते है। जिसमे बजट से जुड़े कर्मियों को मीठा खाना होता है. इस रश्म को हलवा सेरिमनी कहा जाता है। इसमें बड़े बड़े बर्तनो में हलवा बनाया जाता है. हालांकि वर्ष 2020 में इस हलवा खाने की रश्म को कोरोना की वजह से बंद कार दिया गया था। तब हलवा की जगह मिठाई का वितरण किया गया था.
वित्त मंत्री ने बन्द किया ब्रीफ केस का इस्तेमाल
कोविड संकट के कारण वर्ष 2021 के बजट में एक और अहम बदलाव किया गया। यह बजट देश का पहला ‘पेपरलेस बजट’ था। इसकी सभी प्रतियों को डिजिटली स्टोर किया गया था। उसके बाद 2022 का बजट भी पेपरलेस बजट था। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एक और बदलाव किया। उन्होंने बजट से जुड़े दस्तावेज कैरी करने के लिए ब्रीफकेस का इस्तेमाल बंद कर दिया। अब वे बही-खाता जैसी दिखने वाली बैग में बजट से जुड़े दस्तावेज कैरी करती दिखतीं हैं।
ड्रीम बजट क्या है?
वित्तीय वर्ष 1977 -1978 में देश के तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने जो बजट पेश किया उसे ड्रीम बजट कहा जाता है। दरअसल उन्होंने व्यक्तिगत टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स को बहुत कम करे दिया था.