ब्रिटिश रॉयल नेवी का अत्याधुनिक F-35B फाइटर जेट, जो 14 जून 2025 को केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग के बाद से खड़ा था, आखिरकार मंगलवार, 22 जुलाई 2025 को उड़ान भरने में सफल रहा। हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी के कारण यह जेट 38 दिनों तक एयरपोर्ट पर रुका रहा। इस दौरान इसे ठीक करने के लिए ब्रिटेन और अमेरिका से इंजीनियरों की टीम तिरुवनंतपुरम पहुंची थी।
क्यों हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग
F-35B, जो ब्रिटिश रॉयल नेवी के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा था, 14 जून को अरब सागर में भारत के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास के दौरान उड़ान भर रहा था। खराब मौसम और कम ईंधन के कारण पायलट को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। भारतीय वायुसेना (IAF) ने सुरक्षित लैंडिंग में सहायता प्रदान की और री-फ्यूलिंग सहित अन्य लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया। हालांकि, उड़ान से पहले प्री-डिपार्चर चेक के दौरान हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी का पता चला, जिसके कारण जेट उड़ान नहीं भर सका।
मरम्मत में देरी और चुनौतियां
लैंडिंग के बाद, HMS प्रिंस ऑफ वेल्स से आए तकनीशियनों ने जेट की मरम्मत का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए। हाइड्रोलिक सिस्टम की खराबी को गंभीर माना गया, क्योंकि यह लैंडिंग गियर, ब्रेक्स और फ्लाइट कंट्रोल सर्फेस जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को प्रभावित करता है। इसके बाद, ब्रिटेन और अमेरिका से 25 इंजीनियरों की एक विशेष टीम 6 जुलाई को तिरुवनंतपुरम पहुंची। इस टीम ने विशेष उपकरणों के साथ जेट को एयरपोर्ट के मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) हैंगर में स्थानांतरित किया। कई असफल प्रयासों के बाद, जेट को अंततः उड़ान के लिए तैयार किया गया।
सुरक्षा और मीडिया का ध्यान
F-35B, जिसकी कीमत लगभग 110 मिलियन डॉलर (करीब 1000 करोड़ रुपये) है, को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के बे नंबर 4 पर सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) की कड़ी सुरक्षा में रखा गया था। इस दौरान यह जेट भारतीय सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बना, जहां इसे लेकर मीम्स और मजाकिया पोस्ट्स वायरल हुए। केरल टूरिज्म ने भी मजाक में पोस्ट किया कि जेट को केरल इतना पसंद आया कि वह “जाना नहीं चाहता”। कुछ पोस्ट्स में इसे “आधार कार्ड” मिलने और OLX पर 4 मिलियन डॉलर में बिक्री के लिए लिस्टेड होने जैसे मजेदार दावे किए गए।भारत-ब्रिटेन सहयोग
ब्रिटिश हाई कमीशन ने भारतीय अधिकारियों, विशेष रूप से भारतीय वायुसेना और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट प्रशासन के सहयोग की सराहना की। जेट को MRO फैसिलिटी में स्थानांतरित करने और मरम्मत में सहायता के लिए भारत ने हर संभव मदद दी। ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने कहा, “हम भारतीय अधिकारियों और एयरपोर्ट टीम के निरंतर समर्थन के लिए आभारी हैं।” यह घटना भारत-ब्रिटेन के बीच मजबूत रक्षा सहयोग को दर्शाती है।