BRICS Summit 2024 : कजान में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन का हिस्सा बनने पहुंचे नरेंद्र मोदी BRICKS देशो के साथ होगी बैठक

PM Modi At BRICS 2024 :22 अक्टूबर 2024 मंगलवार को नरेंद्र मोदी तनावों को बढ़ता देख चार साल में पहली बार रूस पहुंचे। यह ब्रिक्स का 16 वा सम्मेलन होने वाला है जो 23 और 24 अक्टूबर तक चलेगा। नरेंद्र मोदी के कजान पहुंचते ही उनका उत्साह के साथ स्वागत किया गया। कजान में नरेंद्र मोदी ब्रिक्स देशो के साथ द्विपक्षीय बैठक करते नजर आएंगे।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी BRICS सम्मलेन के लिए कजान पहुंचे ( फोटो -सोशल मीडिया )

मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर के 16वे सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए रूस के कजान पहुंचे।इस बार ब्रिक्स की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन करने वाले है। यह सम्मेलन दो दिवसीय होने वाला है। सम्मलेन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की चर्चाए हो रही है। हलाकि ,इस बात की आधिकारिक पुष्ठि अभी नहीं हुई है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कजान पहुंचते ही तातारस्तान रिपब्लिक के प्रमुख रुस्तम मिन्नीखानोव ने बड़े ही उत्साह के साथ अभिनंदन किया।

भारत और चीन के रिश्ते में होगा बदलाव :

ब्रिक्स का यह सम्मलेन भरता और चीन के बीच मतभेदों को ख़त्म कर सकता है। कई विशेषज्ञों का ये मानना है की यह बैठक गलवान घाटी ( LAC )में हुए विवाद को सुलझाने का कार्य कर सकता है। हलाकि ,इस मतभेद को सुलझाने में थोड़ा वक्त लग सकता है। इस समझौते के तहत भारत और चीन के बीच वर्ष 2020 में ( LAC ) में जो तो मतभेद शुरू हुआ था उसका समाधान मिल सकेगा। इस सम्मेलन में भारत और चीन के रिश्ते में सकारात्मकता का भाव स्पष्ट होगा।

रूस और भारत के संबंधो को लेकर बोले पुतिन :

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान कहा ” पिछले तीन माह में रूस की और मेरी दो यात्राएं हमरी घनिष्ठ मित्रता को पूर्ण तरीके से दर्शाती है। जुलाई में मास्को में हमरे वार्षिक शिखर सम्मेलन ने हमारे हर एक क्षेत्र में सहयोग को मजबूती दी है। मैं कल ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। रूस और उक्रैन के बीच चल रहे संघर्ष के विषय में मैं हमेशा भारत के साथ संपर्क में हूँ। जैसा की मैंने पहले भी जिक्र किया था की मेरा मानना है की समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए। हम शांति को स्थापित करने का पूर्ण प्रयास करेंगे। हमारे सभी प्रयासों में मानवता को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी।भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने का प्रयास करेगा “.

ब्रिक्स का निर्माण कैसे हुआ कौन -कौन है इसके सदस्य :

वर्ष 2006 में “ब्रिक” का फार्मेशन हुआ था। ब्रिक के शुरूआती दौर में सिर्फ चार देश हुआ करते थे जिसमे ब्राज़ील ,रूस ,इंडिया और चीन शामिल थे। इन्हीं चार देशो के नाम के पहले अक्षरों से “BRIC”बना था।ब्रिक की पहली बैठक साल 2009 में हुई थी। बाद में वर्ष 2010 में साउथ अफ्रीका को भी शामिल किया गया जिससे ‘ब्रिक’ ‘ब्रिक्स’ में बदल गया। ब्रिक्स शिखर सम्मलेन में तीन बड़े देश शामिल है भारत ,चीन और रूस।इस सम्मेलन में किसी भी पश्चमी देश को शामिल नहीं किया गया है। ब्रिक्स दुनिया के 5 सबसे बड़े विकाशशील देशों को साथ लाता है। यह वैश्विक जनसँख्या का 42 % वैश्विक क्षेत्रफल का 30 % वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 23 % और विश्व व्यापार का लगभग 18 % प्रतिनिधित्तव करता है। इस समूह की अध्यक्षता B-R-I-C-S के अनुशार सदस्यों के बीच हर वर्ष घूमती है।अध्यक्षता करने वाले देश को अजेंडा और प्राथमिकताओं का कैलेंडर तैयार करना पड़ता है। भारत ने 2012 और 2016 में ब्रिक्स की अध्यक्षता की है। ब्रिक्स देशो ने मिलकर एक बैंक का भी नर्माण किया है। 2014 में फोर्टालेज़ा (ब्राज़ील ) में छटवे ब्रिक्स शिखर सम्मलेन के दौरान नेताओं ने मिलहार ( New Development Bank ) के स्थापना के समझौते पर अपना -अपना हस्ताक्षर किया था ,और इसी तरह ब्रिक्स नेशनस ने मिलकर बैंक का निर्माण किया।

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